महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके से 6 किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर है। इन किसानों ने अकोला के जिलाधिकारी के दफ्तर में विषपान किया। ये किसान पिछले 2 वर्षों से उनकी जमीन के मुआवजे को लेकर सरकार से लड़ रहे थे। दरअसल इनकी जमीन धुले- कोलकाता राष्ट्रीय महामार्ग के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई थी।
इन किसानों की मांग थी कि उनकी अधिग्रहीत की गई जमीन के एवज में मिलने वाली मुआवजे की राशि को बढ़ाकर दिया जाए। लेकिन प्रशासन की ओर से इस राशि को बढ़ाकर दिए जाने के मामले में टालमटोल की जा रही थी। पिछले माह 29 तारीख को इन किसानों ने पत्र लिखकर चेतावनी थी कि यदि उनकी मुआवजे की राशि बढ़ाकर नहीं दी गई तो वे आत्महत्या करेंगे । लेकिन सरकार ने इनकी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया । आज जब वे कलेक्टर के दफ्तर में अपनी मांग को लेकर पहुंचे तो उन्हें जवाब दे दिया गया कि उन्हें मुआवजे की राशि बढ़ाकर नहीं दी जाएगी। इस जवाब से निराश होकर उन्होंने यह कदम उठाया।
सभी किसान कनेरी गवली, शेलर और व्याला गांव के बताए जा रहे हैं। किसानों के नाम मुरलीधर राउत, अर्चना टकले, आशीष हिवकर, साजिद इकबाल, अफजल रंगारी और अबरार अहमद है। सभी किसानों की हालत गंभीर बताई जा रही है और इनका इलाज जिला के सरकारी अस्पताल में चल रहा है। यह मामला गंभीर इसलिए भी है कल 6 अगस्त को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महाजनादेश यात्रा का पड़ाव अकोला में ही है।