किसानों की अपनी समस्याऐं इतनी है कि वे कई बार जाने- अनजानें में सरकारी लाभ और सुविधायें लेने से वंचित रह जाते है। कोरोना काल में सरकार से जो सुविधायें मिली उससे किसानों को किसी भी तरह से कोई विशेष राहत नहीं मिली है। बताते चले कि किसानों ने अपनी तमाम मांगों को लेकर सरकार के समक्ष कई बार आंदोलन व प्रदर्शन किये है। अब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को समय खत्म होने के पहले ही खरीफ की फसल का बीमा करा लेना चाहिये। किसानों ने इस फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि किसान समय पर ही बीमा कराएंगा ।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से फसल को नुकसान की भरपाई के लिये अधिक से अधिक किसानों को योजना से जुडना चाहिये। प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत 31 जुलाई तक खरीफ फसलों का बीमा किया जाएगा। हरियाणा के किसान राजकुमार सिंह का कहना है कि सरकार को किसानों की सही मायने में इस समय उनकी मौलिक जरूरतों पर ध्यान देना होगा । ताकि वे अपनी फसलों की ऊपज को आसानी से मंडियों में बेंच सकें । क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान जो दिक्कतों किसानों ने उठाई है वो किसी से छिपी नहीं है। उनका कहना है कि किसानों को सरकार को कम से कम इतनी सुविधायें तो देनी चाहिये । कि वे आसानी से अपनी फसल का बीमा करवा सकें। लेकिन सुविधाओं के अभाव में किसान बीमा कराने से बंचित रह जाता है।उत्तर –प्रदेश के किसान व मजदूर नेता गोविन्द दास का कहना है कि मौजूदा दौर में किसान एक साथ कई समस्याओं से जूझ रहा है । जैसे इस बार मानसून का सूनापन जिससे किसानों की बुवाई नहीं हो पा रही है। वहीं किसानों को सरकार द्वारा जो मिलने वाली जो राहत है वो नहीं मिल पा रही है। ऐसे में किसानों से समय पर फसल बीमा की उम्मीद सरकार कम ही करें ।
सरकार का दावा है कि 2016 में योजना की शुरूआत से अब तक कुल 13 हजार करोड का प्रीमियम आया है जबकि 64 हजार करोड का दावा भी भुगतान किया गया है। किसानों का कहना कि सरकार की नीतियों का सही मायनें में बडें किसान ही लाभ ले पाते है । लेकिन जो छोटे किसान है । वो ना तो सरकार की किसी योजना का लाभ ले पाते है और ना ही सरकार द्वारा कोई लाभ उनको मिल पाता है। इस समय किसानों को डीजल के दामों में बढोत्तरी होने से काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। कर्ज में दबे किसानों का कहना है कि छोटा किसान सही मायने में बैंको से और साहूकारों से कर्जा लेता है । जब फसल कुदरत के कहर से सही ऊपज नहीं दे पाती है तो किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पडता है। ऐसे में सरकार को चाहिये कि किसानों की माली हालत कैसे दूर करने के लिये विशेष पैकेज दें । जिससे किसान अपनी बुनियादी जरूरतों के साथ फसल बीमा योजना का लाभ ले सकें।