मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के प्रति देश भर में विरोध बढ़ता जा रहा है। अब तो देश के कई हिस्सों से खिलाड़ियों और अन्य हस्तियों ने किसानों के हक़ में अपने अवार्ड वापस करने का ऐलान करना शुरू कर दिया है। पंजाब के खिलाड़ियों के बाद अब गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पदम् विभूषण सम्मान लौटाने का ऐलान किया है।
बादल ने मोदी सरकार से किसानों के मसले पर जबरदस्त नाराजगी जताई है। बता दें उनकी पार्टी शिअद पहले ही मोदी सरकार से अपनी मंत्री का इस्तीफा करवा चुकी है। पार्टी ने एंडी से अलग होने का भी ऐलान कर रखा है।
बादल की यह घोषणा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की किसानों के मसले पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के तुरंत बाद आई है। अमरिंदर ने शाह से मुलाकात के दौरान किसानों का मसला जल्दी हल करने की मांग की है।
याद रहे तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में पूर्व खिलाड़ी भी आ गए हैं। सोमवार को जलंधर में पूर्व खिलाड़ियों ने किसानों की मांगे न माने जाने पर केंद्र सरकार से मिले अवार्ड वापस लौटाने की चेतावनी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार को 5 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है।
पद्मश्री पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवार्डी सज्जन सिंह चीमा, गोल्डन गर्ल के नाम से जानी जाती हॉकी ओलंपियन खिलाड़ी राजवीर कौर, ओलंपियन गुरमेल सिंह और पूर्व क्रिकेट कोच प्रोफेसर राजिंदर सिंह ने कहा कि वह भी किसान परिवार से हैं। पंजाब में किसानों की बुरी हालत को वह अच्छे तरीके से जानते हैं। उन्होंने कृषि सुधार कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अड़ियल रवैया छोड़ना चाहिए। किसान पहले शांतमयी प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई, जिस वजह से मजबूर होकर उन्हें दिल्ली कूच करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगे न मानी गई तो वह भी सैकड़ों पूर्व नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ दिल्ली कूच करेंगे और खेलों में दिए योगदान के बदले उन्हें मिले सभी केंद्रीय सम्मान वापस लौटा देंगे।