केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐलान किया कि गरीब प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किफायती किराये पर मकान योजना शुरू करेगी। राशन कार्ड से अब किसी भी राज्य में राशन मिल सकेगा। किसानों के लिए ३०,००० करोड़ की योजना का ऐलान किया गया है और पचास लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए १० हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी की घोषित पैकेज के दूसरे हिस्से को लेकर बुधवार को दूसरी प्रेस कांफ्रेंस में प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी वाले) के लिए नौ ऐलान किए। इनमें तीन घोषणाएं प्रवासी श्रमिकों के लिए और दो छोटे किसानों के लिए हैं। इसके अलावा मुद्रा के भीतर शिशु ऋण, स्ट्रीट वेंडर्स, और आदिवासियों के लिए एक-एक ऐलान शामिल है।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि शहरी गरीब प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किफायती किराये पर मकान की योजना शुरू करेगी। वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा और हर राज्य में यह लागू होगा। प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद मिलेगी। आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा। इसमें ३५०० करोड़ रुपये का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इस कारगर बनाया जाएगा। राज्यों के पास ही इन मजदूरों की जानकारी है। अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी।
सीतारमण ने कहा कि शिशु मुद्रा लोन में रिजर्व बैंक ने तीन महीने का मॉरिटोरियम दिया है, लेकिन इसके बाद समस्या हो सकती है तो शिशु मुद्रा लोन में ५०,००० रुपये तक लोन लेने वाले को मॉरिटोरियम के बाद दो फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले १२ महीने के लिए होगा। तीन करोड़ लोगों को इससे कुल १५०० करोड़ रुपये का फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ २.५ करोड़ नए किसानों को दिया जा रहा है। मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा। नाबार्ड को किसानों के लिए ३०,००० करोड़ रुपये का अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड मुहैया होगा। यह नाबार्ड को मिले ९० हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा।
मिडिल इनकम ग्रुप ६ से १८ लाख सालाना इनकम वालों को हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम मई २०१७ में शुरू हुई है। इसे ३१ मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था और अब बढ़ाकर मार्च २०२१ तक किया जा रहा है। पचास लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए १० हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ५००० करोड़ खर्च करेगी।
इससे पहले वित्त मंत्री ने पिछले तीन महीनों में सुविधाओं और लाभों का ब्यौरा दिया। कहा कि तीन करोड़ किसानों को कृषि ऋण में अगले तीन महीने तक छूट मिलेगी। करीब २५ लाख किसान क्रेडिट कार्ड सेंक्शन हुए, इनकी लोन लिमिट २५ हजार रुपये की गयी है। पिछले मार्च और अप्रैल महीने में ६३ लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि ८६६०० करोड़ रूपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। किसानों की फसल खरीद के लिए ६७०० करोड़ रुपये, नाबार्ड में सहकारी बैंक ऑफ ग्रामीण बैंकों की मदद के लिए २८,५०० करोड़ रुपये मार्च में दिए।
अपने राज्यों को लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। मजदूरों की दिहाड़ी १८२ रुपए से बढ़ाकर २०२ रुपए कर दी गई है। इसके लिए १०,००० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया ताकि वापस गए मजदूरों को काम मिल सके। प्रवासी मजदूरों की मदद मनरेगा के माध्यम से कैसे की जाए उसके लिए हम योजना लेकर आए हैं। कहा कि १३ मई तक १४.६२ करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं।
कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च २०२० नाबाड ने २९,५०० करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में ४२०० करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई। वित्त मंत्री ने कहा, बेशक लॉकडाउन है मगर सरकार काम कर रही है, गरीब हमारी प्राथमिकता में है।