दिल्ली में किसानों की भीड़ के आगे पुलिस बेबस दिख रही है और कई जगह स्थिति अनियंत्रित हो गयी है। किसानों ने लाल किले पर कब्ज़ा कर वहां अपना झंडा लगा दिया है और उन्होंने वहां की पुलिस चौकी पर कब्ज़ा कर लिया है। इसके बाद पुलिस के लोग वहां से भाग गए हैं। कई जगह किसानों और पुलिस के बीच झड़पों में किसान और पुलिस के लोग घायल होने की खबर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा है कि हिंसा किसी मसले का हल नहीं, चोट किसी भी लगे नुकसान देश का ही होगा। देश हित में किसान विरोधी क़ानून वापस लो।
किसानों की आज मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में ट्रैक्टर परेड थी। शुरू में माहौल शांतिपूर्ण लग रहा था लेकिन करीब 2.15 बजे यह रिपोर्ट जगह स्थिति पुलिस के नियंत्रण से बाहर जा चुके है। लाल किले पर किसानों का कब्ज़ा हो गया है और वहां तिरंगे की बगल में उन्होंने अपना एक झंडा भी फहरा दिया है।
किसानों के लिए तय किये रुट अब छिन्न भिन्न हो गए हैं और किसान जहाँ तहँ पहुँच चुके हैं। एक जगह एक किसान के ट्रैक्टर के नीचे कुचले जाने की अपुष्ट सूचना है।
इस बीच किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा है कि सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए। हम सिर्फ अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं किसी तरह की हिंसा नहीं करेंगे।
उधर लाल किले पर कब्ज़ा करने के बाद अब किसान वहां से छंटने शुरू हो गए हैं। वहां पुलिस दुबारा लौट आई है। सुबह आईटीओ सहित कई जगह पुलिस बेरिकेड्स तोड़ दिए हैं। इन किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं। किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ है और उनपर आंसू गैस छोड़ी गयी है। कुछ किसानों के लाठीचार्ज में घायल होने की खबर है। किसानों का एक ग्रुप आज सुबह समय से पहले ही दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गया। किसान आईटीओ से आगे बढ़ चुके हैं और उन्होंने कहा है कि वे लाल किले तक पहुंचेंगे। पहले से तय रूट्स पर भी लाखों किसान आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगे लगा रखे हैं और देशभक्ति के गीत बजा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को किसानों को दिल्ली में तय किये गए रूटों पर जाने की इजाजत दी थी। हालांकि, किसानों की इतनी बड़ी भीड़ है कि नहीं यह भी पता नहीं है कि कहाँ से जाना है। लिहाजा जहाँ बेरिकेड्स हैं, वहां किसान उन्हें तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान गाजीपुर बॉर्डर से प्रगति मैदान पहुंचकर सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।
अभी तक की स्थिति के मुताबिक किसान और पुलिस के बीच कुछ जगह अनाव की स्थिति भी बनी है। कई जगह पुलिस वाले खुद ही किसानों की भीड़ देखकर वहां से भागते हुए दिखे हैं। बता दें किसान आज दिल्ली में ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे हैं। इसके लिए किसानों ने सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल होना शुरू कर दिया है।
सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस के लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं और दिल्ली में दाखिल हो गए हैं। ऐसा की कुछ नजारा गुरुग्राम में फरीदाबाद में भी देखा गया। बेकाबू होते किसानों को रोकने के लिए पुलिस र किसानों को काबू करने के लिए जहां संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में आंसू गैस छोड़ी गई वहीं गाजीपुर में लाठीचार्ज किया गया। गुरुग्राम में किसानों की तिरंगा परेड रोकने के लिए मानेसर घाटी में गुरुग्राम पुलिस ने भारी वाहनों को रोककर जाम लगा दिया, जिसके कारण पिछले 12 घंटे से ट्रक चालक फंसे हुए हैं। ऐसे में मंगलवार सुबह ट्रक चालकों ने ट्रक के अंदर ही खाना बनाकर खाया।
गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा था कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संघों ने दावा किया था कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से रवाना होगी।