कारगिल विजय दिवस पर रविवार को दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा तीनों सेना प्रमुख भी उपस्थित थे। उधर ‘मन की बात’ में कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने का दुःसाहस किया था लेकिन जवाब में भारत की सेना ने जो पराक्रम दिखाया, उसे पूरी दुनिया ने देखा।
इधर दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक संदेश में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन को चेताया और कहा कि भारत पहले हमला नहीं करता है, लेकिन हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देने से भी पीछे नहीं हटता।
विजय दिवस की आज 21वीं वर्षगांठ है और पूरे देश में भारत के वीर सपूतों के अदम्य साहस और कुर्बानी को याद किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को नमन किया। मोदी ने कहा कि आज हम 1999 में हमारे देश की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प को याद करते हैं। उनकी वीरता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने ‘मन की बात’ के रेडियों संदेश में कहा – ”साथियों, कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था। भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था। लेकिन कहा जाता है न – बैरू अकराण सब काहू सों, जो कर हित अनहित ताहूं सों…यानि दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना। ऐसे स्वभाव के लोग जो (उनका) हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं। इसलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान की तरफ से पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई। लेकिन उसके बाद भारत ने जो अपनी ताकत दिखाई, सैनिकों ने जो पराक्रम दिखाया, उसे पूरी दुनिया ने देखा।”