श्रीमद्भगवत गीता के बहुमूल्य, आकर्षक, अद्भूत और अनुपम संस्करण का विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर इस्कॉन केचेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी भी थे। यह आयोजन खास तौर पर इसलिए अनोखा रहा क्योंकि इस पवित्र ग्रंथ का प्रकाशन और प्रस्तुति बहुतअलबेली है। यह अब तक प्रकाशित तमाम कृतियों में सबसे बड़ी भगवत गीता मानी जाएगी।
नई दिल्ली में ईस्ट ऑफ कैलाश में इस्कॉन मंदिर के सांस्कृतिक केंद्र में अद्भूत श्रीमद्भगवत गीता का विमोचन समारोह हुआ। पूरी दुनिया मेंइस अनोखी चर्चित अद्भुत महाकाव्य कृति की प्रस्तुति मास्टर पीस मानी जा रही है। इसका आकार अनोखा (2.8मी – 2 मी) है और इसकावजन 800 किलोग्राम है।
यह अद्भुत भगवतगीता 670 पृष्ठ की है। इसमें इस्कॉन के संस्थापक – आचार्य स्वामी प्रभुपाद की टिप्पणी के साथ 700 श्लोक हैं। 18 आकर्षकचित्रों का भी प्रकाशन मिलान (इटली) के सिंथेटिक यू पो पेपर पर किया गया है। इसकी विशेषता है कि जल में भी यह खराब नहीं होता औरवातावरण का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ता।
देश और विदेश में मौजूद इस्कॉन भक्तों की एक टीम इस भगवतगीता के प्रकाशन, संयोजन -ले आउट और इससे संबधित अन्य जटिल कार्योंमें अर्से से जुटी थी। इस महती सेवा को पूरा करने और पूज्य पाद को आर्पित करने के बाद सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार अब इसकालोकार्पण हुआ।
इस्कॉन राष्ट्रीय संचार के निदेशन वृजेंद्र नंदन दास के अनुसार दुनिया को भारत के प्रति आकर्षित करने वाली कई चीजों में भारतीय संस्कृतिऔर दार्शनिक ज्ञान भी है। इस्कॉन देश की बहुत आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है। ये लोग भारतीय संस्कृति और ज्ञानको बढ़ावा देने में भी अपना प्रयास करते हैं। इसका केंद्र बिंदु भगवत गीता ही है।
भगवत गीता का नया संस्करण देश और दुनिया में भारतीय संस्कृति की जानकारी बढ़ाने का एक माध्यम बनने की उम्मीदहै।