केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और भाजपा नेता संजय जैन पर राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का गंभीर आरोप लगते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को तीन ऑडियो क्लिप जरी की हैं, जिसमें गजेंद्र और जैन की कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा से बातचीत का दावा किया गया है। यह सब तब सामने आया है जब ”बागी” सचिन पॉयलट गुट ने हाईकोर्ट में अपने 19 विधायकों को स्पीकर की तरफ से नोटिस को चुनौती दी है। उधर कांग्रेस ने अपने विधायकों भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उधर राजस्थान एसओजी ने इस मामले में गजेंद्र सिंह और संजय जैन और भंवर लाल शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को राजस्थान के इस सियासी संकट के बीच उस समय बड़ा विस्फोट किया जब एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश के पीछे भाजपा का हाथ बताया। सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा नेता संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच की ”बातचीत” के ऑडियो टेप जारी करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए और खुलासे किए।
सुरजेवाला ने जयपुर में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कोरोना महामारी से लड़ने के बजाय केंद्र की मोदी सरकार और उनकी पार्टी भाजपा राजस्थान और दूसरी जगह आलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिराने में व्यस्त है। कांग्रेस नेता ने इस मौके पर ऑडियो टेप जारी किए जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा नेता संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के विधायकों को रिश्वत देने और राजस्थान सरकार को गिराने बात का दावा किया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि ऑडियो टेप की बातचीत सामने आने के बाद कांग्रेस ने विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा राजस्थान की सरकार गिराने की कोशिश कर रही है, इसके कुछ ऑडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा और भाजपा नेता संजय जैन की बातचीत से जुड़े कई ”खुलासे” किए।
कांग्रेस के दावे वाली ऑडियो टेप में गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम सामने आना इस बात का भी संकेत है कि भाजपा में उन्हें राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के मुकाबले तरजीह दी जा रही है। यह इस बात से भी जाहिर होता है कि सिंधिया गुरुवार को भाजपा की एक बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। भाजपा के एक नेता ने उसके बाद आरोप लगाया था कि सिंधिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ”मदद” कर रही हैं।
ऐसी स्थिति से जाहिर है कि संकट सिर्फ कांग्रेस के भीतर ही नहीं है, बल्कि राजस्थान के भाजपा के बीच भी है, और वह भी गंभीर। भाजपा के लिए विधानसभा में गहलोत को बहुमत सिद्ध करने के लिए न कहने के पीछे एक बड़ा यह भी है। भाजपा को लगता है कि ऐसा न हो, भयाजपा के विधायक ही क्रास वोटिंग कर गहलोत को वोट दे दें।
जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह के ही बेटे हैं, जिन्होंने गहलोत के बेटे भैभव को हराया था। अब जाहिर है ऑडियो टेप सामने आने से भाजपा के लिए लिए भी पेचीदी स्थिति बन गयी है। सचिन पायलट गुट के पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ कुछ न करने के दावे की भी इस से हवा निकल गयी है। पिछले एक महीने से लगता है गहलोत और कांग्रेस ने ”बागियों” के खिलाफ काफी मसाला जुटा लिया है। देखना यही है कि सचिन को लेकर कांग्रेस अब क्या रणनीति अपनाती है। हो सकता है उनके कुछ विधायक पार्टी में वापस लौट आएं।