देश के गृह मंत्री रहे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बूटा सिंह का शनिवार सुबह निधन हो गया। वे 86 साल के थे और राज्यपाल भी रहे। पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल ने उनके निधन पर शोक जताया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बूटा सिंह काफी समय से अस्वस्थ थे। उनका जन्म पंजाब के जलंधर के मुस्तफापुर गांव में हुआ था और वे जनता से जुड़े नेता थे। बूटा सिंह 8 बार लोकसभा सदस्य रहे। वे एक बड़े दलित नेता भी थे और हमेशा दलितों की आवाज उठाते रहे।
बूटा सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। बूटा सिंह राजीव गांधी की सरकार में 1986 से 1989 तक गृह मंत्री रहे। राजीव सरकार में ही 1984 से 1986 तकउन्होंने कृषि मंत्री का पदभार भी संभाला। अलावा बूटा सिंह 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल रहे।
साल 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है।
प्रधानमंत्री ने अपने शोक सन्देश में कहा – ‘बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है।’
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में शोक संवेदना में कहा – ‘सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।’
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह, मंत्रियों, विपक्षी नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।