कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक ट्वीट किया जिसके बाद भाजपा ने उन्हें घेरा हैं। राज ने ट्वीट कर कहा कि, “द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है। कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएँ तो पता लगेगा।“
उदित राज के इस ट्वीट के बाद भाजपा का कहना है कि जिस तरह उदित राज ने ‘चमचागीरी’ शब्द का इस्तेमाल किया उससे यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस किस तरह से आदिवासियों के विरोध में खड़ी है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि उदित राज द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण हैं। और यह पहली बार नहीं हैं जब उन्होंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया हैं। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसी ही किया था। कांग्रेस नेताओं के यह बयान उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता हैं।
बता दें उदित राज के ट्वीट पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने नोटिस जारी किया है। और उन्हें अपने बयान पर माफी मांगने को कहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि, “देश की सर्वोच्च शक्ति और अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचीं महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान। उदित राज को अपने अपमानजनक बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।@NCWIndia उन्हें नोटिस भेज रहा है।“
वहीं दूसरी तरफ उदित राज ने ट्वीट कर कहा कि, “द्रौपदी मुर्मू जी से कोर्इ दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित-आदिवासी आलोचना करेंगे और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे बहरे बन जाते हैं। ”
इतना ही नहीं उदित ने एक ट्वीट और कर लिखा कि, “द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति के तौर पर पूरा सम्मान है वो दलित-आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं। और उन्हें अधिकार है अपने हिस्से का सवाल करना। इसे राष्ट्रपति पद से न जोड़ा जाए।“
उदित राज द्रौपदी मुर्मू को लेकर पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद भी उन्होंने कहा था कि, “जाति देखकर खुश न होना, कोविंद जी राष्ट्रपति बने तो दलित खुश हुए और भला एक चपरासी का नहीं कर पाए।”
आपको बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 4 अक्टूबर को गुजरात के गांधीनगर में एक कार्यक्रम में शामिल हुईं थीं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश में 76 प्रतिशत नमक का उत्पादन गुजरात करता है और यह कहा जा सकता है कि राज्य द्वारा उत्पादित नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता हैं।
इस दौरान गुजरात मॉडल की तारीफ करते हुए मुर्मू ने कहा कि, “प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की प्रगतिशील एवं समावेशी संस्कृति के आदर्श प्रतिनिधि हैं।“