दो-दिनों से कांग्रेस पार्टी का ईडी कार्यालय पर हो रहे प्रदर्शन से कांग्रेस को अपने खोये हुये जनाधार पाने की उम्मीद जागी है। बताते चलें कांग्रेस का जनाधार आम आदमी पार्टी (आप पार्टी ) के 2013 में उदय होने से कांग्रेस का वोट बैंक खिसक कर आप पार्टी में चला गया था। तब से अब तक कांग्रेस लगातार दिल्ली में लगातार रसातल में जा रही थी। लेकिन 13 और 14 जून को राहुल गांधी को ईडी कार्यालय पर नेशनल हेराल्ड अखबार के मामले में पूछताछ के लिये बुलाया जाने पर कांग्रेस जो एकता के साथ पार्टी के साथ खड़े हुये है। उससे कांग्रेस के प्रति लोगों की सहानुभूति बड़ी है।
दिल्ली की राजनीति के जानकारों का कहना है कि जो माहौल दिल्ली सहित पूरे देश में बनाया जा रहा था कि कांग्रेस के दिन लद गये है। लेकिन ई डी ने कांग्रेस को फिर से वो हवा दे दी है। जिसको कांग्रेस को काफी लम्बे समय से आस थी।दिल्ली में आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा था कि अब दिल्ली में आप पार्टी और भाजपा के बीच चुनाव होगा। लेकिन अब दिल्ली की जनता फिर से कहने लगी है। कि दिल्ली में कांग्रेस का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस के शासन में विकास हुआ है। और लोगों के बीच सौहार्द रहा है।तहलका संवाददाता को दिल्ली के लोगों ने बताया कि कांग्रेस के वोट बैंक पर आप पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था। ॉअगर अब वो वोट बैंक खिसक कांग्रेस में वापस होता है। तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले साबित होगे।