कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के उस सुझाव को स्वीकार कर लिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आप के साथ कोइ गठबंधन नहीं करेगी। खुद शीला दीक्षित ने राहुल के साथ इस मसले पर हुई बैठक के बाद यह जानकारी दी है। माना जाता है कि कांग्रेस के भीतर कई नेताओं का यह मानना था कि आप से कोइ भी समझौता कांग्रेस को भविष्य के लिए कमजोर कर सकता है। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने आधिकारिक रूप से इस समझौते को लेकर अभी घोषणा नहीं की है।
पहले यह चर्चा थी कि कांग्रेस-आप ३-३ सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं और एक भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा दोनों के साझे उम्मीदवार को सकते हैं। लेकिन अब कांग्रेस ने किसी समझौते से साफ़ मना कर दिया है।
शीला दीक्षित सम्भवता कांग्रेस अध्यक्ष को यह सन्देश देने में सफल रही हैं कि कांग्रेस को इस चुनाव में अपने बूते उतरना चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय चुनाव में भाजपा के विकल्प कांग्रेस को वोट देंगे, आप को नहीं भले वह कुछ वोटों को बाँटने की भूमिका निभा दे।
माना जा रहा है कि भाजपा (मोदी) से नाराज चल रहे सांसद और एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा दिल्ली से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं ऐसे में हो सकता है कांग्रेस उन्हें टिकर दे दे। हालांकि, अभी इसपर कोइ फैसला नहीं हुआ है। भाजपा के ही एक और दिग्गज नाराज नेता यशवंत सिन्हा को भी कांग्रेस अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। यशवंत सिन्हा भी शत्रुघ्न की तरह बिहार के ताल्लुक रखते हैं।
वैसे दिल्ली को लेकर अभी कांग्रेस आलाकमान ने ”न” वाली बात की पुष्टि नहीं की है। वैसे इस गठबंधन की सबसे बड़ी विरोधी शीला दीक्षित राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद काफी खुश दिख रही थीं। उन्होंने कहा – यह फाइनल है। गठबंधन नहीं होगा। राहुल जी के साथ बैठक में ही यह फैसला हुआ है। दिस इस फाइनल।” हालांकि, कुछ जानकार यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है कि कांग्रेस हिस्से में ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए आप पर दवाब के लिए यह टैक्टिक इस्तेमाल कर रही हो।