कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर सोमवार को डिनर मीटिंग में कांग्रेस समेत 18 राजनीतिक दलों ने शिरकत की। उद्धव ठाकरे की गैर-मौजूदगी में हुई इस मीटिंग में तय किया गया कि विपक्षी दल वीडी सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी करने से दूरी बनाएगें।
रात्रि भोजन की बैठक में कांग्रेस के अलावा समान विचारधारा वाले दलों – डीएमके, एनसीपी, जेडीयू, बीआरएस, आरएस, सीपीएम, सीपीआई, आप, एमडीएमके, केसी, टीएमसी, आरएसपी, आरजेडी, एनसी, आईयूएमएल, वीसीके, एसपी, झामुमो के नेता ने भाग लिया।
वहीं विपक्षी नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मीटिंग का मकसद कांग्रेस के लिए एक मुद्दा-आधारित समर्थन था और इसे 2024 में होने वाले आम चुनावों के संदर्भ में पढ़ा जाने वाला इशारा न समझा जाए। टीएमसी के जवाहर सरकार ने कहा कि, “यह सभी दलों और नेताओं पर समन्वित और लोकतांत्रिक हमलों के खिलाफ विपक्ष की एकता थी।“
राहुल गांधी द्वारा वीडी सावरकर पर की गर्इ टिप्पणी से उद्धव ठाकरे नाराज थे और इसी नाराजगी के चलते वे बैठक से अनुपस्थित रहे। उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन में दरारा की चेतावनी देते हुए कहा कि, “सावरकर हमारे आदर्श, अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे…मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम एक साथ आए हैं,यह सही हैं, हम इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं, लेकिन ऐसा कोर्इ बयान न दें, जो दरार पैदा करें। ”
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि, “आज रात 18 विपक्षी दलों के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर मुलाकात की और एक स्वर से मोदी शासन के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखने का फैसला किया, जो लोकतंत्र को नष्ट कर रही है और जिसने सभी संस्थनों पर कब्जा कर लिया है। विपक्षी दलों ने मोदी की डर और धमकी की राजनीति का मुकाबला करने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त किया। यह संकल्प अब संसद के बाहर संयुक्त कार्रवाइयों में दिखार्इ देगा। ”