ग़ैर-कश्मीरियों और कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएँ ख़ूबसूरत घाटी में आने वाले पर्यटकों की भावना को कम करने में विफल रही हैं। एक तरह से कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या ने शान्तिभंग करने की कोशिश करने वालों को ठेंगा दिखाया है।
सन् 2021 में क़रीब 7,00,000 पर्यटकों के मुक़ाबले कश्मीर घाटी ने जनवरी और मई, 2022 के बीच 8,00,000 से अधिक पर्यटकों को अपनी मनमोहक उपस्थिति से आश्चर्यचकित और मंत्रमुग्ध कर दिया है। यह क्या दर्शाता है? कश्मीर के पर्यटन विभाग के निदेशक जी.एन. इट्टू कहते हैं कि विभाग ने कश्मीर में सभी मौसमों में पर्यटकों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। इट्टू ने कहा कि यह पहली बार है जब कश्मीर में वसंत के मौसम को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पिछले साल कश्मीर पर्यटन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के रूप में असामान्य ब्रांड एंबेसडर मिला। प्रधानमंत्री ने तब एक ट्वीट में कहा था- ‘जब भी आपको अवसर मिले, जम्मू-कश्मीर का दौरा करें और सुन्दर ट्यूलिप उत्सव देखें। ट्यूलिप के अलावा आप जम्मू-कश्मीर के लोगों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य का अनुभव करेंगे।’
मोदी ने ट्वीट में इस जगह और इसके लोगों दोनों की विशिष्टता पर प्रकाश डाला। अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद के ट्वीट ने भी इसी तरह की भावनाओं को प्रतिध्वनित किया। आँकड़ों से पता चलता है कि जनवरी और फरवरी में 1,62,664 घरेलू पर्यटकों और 490 विदेशियों ने कश्मीर घाटी का दौरा किया। साल 2022 के पहले तीन महीनों के दौरान गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम में ब$र्फ का आनन्द लेने के लिए 3,00,000 से अधिक पर्यटक कश्मीर पहुँचे। उसके बाद श्रीनगर की डल झील के आसपास वसंत पर्यटन हुआ। अधिकारियों का कहना है कि श्रीनगर में जबरवान रेंज की तलहटी में कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन में सीजन के खुलने के 10 दिन के भीतर 2,00,000 पर्यटक आये थे।
श्रीनगर हवाई अड्डे ने 4 अप्रैल को इतिहास में अब तक का सबसे व्यस्त दिन देखा, जब 15,014 लोग कश्मीर में 90 उड़ानों के जरिये आये और यहाँ से वापस गये। श्रीनगर में लगभग सभी होटलों के 60,000 कमरे, जो लगभग एक लाख पर्यटकों को समायोजित कर सकते हैं; जून के पहले सप्ताह तक बुक किये जा चुके थे। दरअसल कश्मीर में इस साल पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या देखी जा रही है। तीन साल की मंदी के बाद अकेले मार्च में क़रीब 2,00,000 पर्यटक घाटी में आये। उद्योग जगत के सूत्रों ने बताया कि इस बार इतनी भीड़ है कि इस साल जून के मध्य तक होटल पूरी तरह से बुक हो चुके हैं।
जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के आँकड़ों से संकेत मिलता है कि जनवरी और 15 मई, 2022 के बीच पर्यटकों की संख्या बढ़कर 7,00,000 हो गयी, जो पिछले 10 साल में सबसे अधिक है। यह पिछले साल इसी अवधि में देखे गये 1,25,000 पर्यटकों से चार गुना से अधिक है। पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच कम से कम 80,00,000 लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया। कश्मीर होटल्स एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष अब्दुल वाहिद मलिक ने कहा कि वर्तमान में श्रीनगर में 80-90 फ़ीसदी हाई-एंड (लग्जरी) होटल हैं।
श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि 28 मार्च को हमारे पास 7,824 यात्रियों के साथ 45 आगमन उड़ानें और 7,190 यात्रियों के साथ 45 प्रस्थान उड़ानें थीं। इस दौरान 15,014 यात्रियों के साथ कुल 90 उड़ानें इस हवाई अड्डे के इतिहास में सबसे ज़्यादा हैं।
कश्मीर में हाल के दिनों में ग़ैर-कश्मीरियों की लक्षित हत्याओं के बाद सोशल मीडिया पर हताश टिप्पणियों की बाढ़ आ गयी है, जो एक तरफ़ कश्मीर की बिगड़ती स्थिति और दूसरी तरफ़ ‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म और इसी तरह के विषयों के बारे में बात करती हैं।
हालाँकि लक्षित हत्याओं की बाढ़ से बेपरवाह पर्यटकों ने इस गर्मी में रिकॉर्ड संख्या में घाटी का दौरा किया है। पिछले साल 7,00,000 पर्यटकों की थोड़ी शर्म के मुक़ाबले, कश्मीर घाटी ने जनवरी और मई 2022 के बीच 8,00,000 से अधिक पर्यटकों को देखा है। कश्मीर में पर्यटन फल-फूल रहा है। डल झील रंगीन शिकारों के एक व्यस्त शहर जैसा दिखता है। रिपोर्ट बताती हैं कि होटल तो फुल हैं ही, बाज़ार भी पर्यटकों से भरे हुए हैं और रेस्तरां में पैर रखने की जगह नहीं है। पर्यटक कश्मीरी व्यंजनों का आनन्द उठाते हुए सबसे अच्छे पल बिता रहे हैं।
अप्रैल, 2022 में घाटी में रिकॉर्ड 2.8 लाख पर्यटक आये, जो लगभग तीन दशक में सबसे अधिक हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि भीड़ जून तक जारी रहेगी और पूरे साल पर्यटकों के आगमन में वृद्धि होगी। अब 30 जून से अमरनाथ यात्रा के बाद इस सीजन में आठ लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है।
गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, डल झील और वुलर झील सहित पर्यटकों की अधिकतम संख्या को आकर्षित करने वाले मुख्य स्थलों के अलावा, राज्य पर्यटन विभाग ने 75 नये गंतव्य खोले हैं, जिनमें बुंगस, लोलाब, गुरेज और डोडी पथरी शामिल हैं।
साहसिक पर्यटन और साहसिक खेल गतिविधियों अधिक लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि अधिक पर्यटक घाटी में अपने प्रवास के दौरान ट्रैकिंग, कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और हॉट एयर बैलून राइड का चयन कर रहे हैं। टूर ऑपरेटरों के हवाले से मीडिया रिपोट्र्स बताती हैं कि पर्यटकों का औसत प्रवास एक से दो सप्ताह का होता है।
पर्यटकों की भीड़ के बीच होटल के कमरे ढूँढना आसान नहीं है, क्योंकि वे दोगुनी दरों पर मिलते हैं। कश्मीर में पर्यटन की वापसी कोरोना वायरस के विकट प्रकोप के बाद की अवधि में शुरू हुई, जब प्रमुख भारतीय पर्यटन स्थल, केरल तक में पर्यटन को कोरोना वायरस ने बुरी तरह प्रभावित किया है। पर्यटन विभाग के अधिकारी इस सफलता का श्रेय आक्रामक मार्केटिंग, अखिल भारतीय प्रचार और प्रभावी कोरोना-प्रबंधन को देते हैं, जिसमें कैब ड्राइवरों से लेकर होटल मालिकों तक सभी हितधारकों का टीकाकरण हुआ है। सीधी शाम की उड़ानों की शुरुआत ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए एक मौक़ा दिया है और श्रीनगर के शेख़-उल-अलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रात की उड़ानों का संचालन शुरू हो चुका है। इस प्रकार यात्रियों को हर समय घाटी में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है।
विभिन्न रिपोर्टों से पता चलता है कि कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति की भावना मज़बूत हुई है और ग़ैर-कश्मीरियों और कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्या आतंकवादियों द्वारा उभरती शान्ति और विश्वास को भंग करने के लिए हताशा का क़दम हो सकता है। सरकारी आँकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच कम-से-कम 80 लाख लोगों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। पर्यटन और संस्कृति सचिव सरमद हफ़ीज़ ने कहा कि चूँकि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटन को प्राथमिकता के रूप में लिया है, इसलिए पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पूरे भारत में विज्ञापन अभियान शुरू किये गये हैं। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 75 कम ज्ञात स्थलों की पहचान की है, जिनमें शीर्ष पर्यटन स्थल बनने की क्षमता है।
हालाँकि ज़्यादातर लोगों का कहना है कि विकास प्रक्रिया की शृंखला में बुनियादी ढाँचा एक कमज़ोर कड़ी बना हुआ है। जबकि मुख्य सड़कें उपेक्षा की स्थिति में हैं। यह ज्ञात है कि हर इन सड़कों को भारी हिमपात झेलना होता है, लिहाज़ा समस्या का कुछ समाधान खोजने की ज़रूरत है। अनियमित बिजली आपूर्ति और अन्य आधुनिक सुविधाओं की कमी भी बड़ा मुद्दा है। बुनियादी ढाँचे की कमी हमेशा पर्यटकों के लिए एक बाधा है और यह स्थिति जितनी जल्दी ठीक हो जाए, उतना अच्छा है। तनावपूर्ण सुरक्षा स्थिति अब इस दिशा में आवाजाही को रोकने का बहाना नहीं है। यदि पर्यटक और व्यावसायिक क्षमता का पूरी तरह से दोहन करना है, तो कश्मीर के लिए एक महत्त्वपूर्ण बदलाव देखना अनिवार्य है। यह समय है जब सभी वास्तविक हितधारक, जिनके मन में कश्मीर की भलाई है; जो उन लोगों को अलग-थलग करने में हाथ मिलाते हैं, जिनकी मंशा शत्रुतापूर्ण है।
यह परिपक्व होने और कड़ी मेहनत और महान् बलिदान के परिणामस्वरूप अर्जित लाभ को मज़बूत करने की दिशा में काम करने का समय है। जम्मू-कश्मीर को रचनात्मक योगदान की ज़रूरत है न कि अवसरवाद की। एक दर्दनाक अतीत को इस तरह से जीने या विलाप करने से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है, जो एक उज्ज्वल भविष्य पर छाया हो। इसके बजाय यह आगे देखने और उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करने का समय है। लक्षित हत्याओं के दौरान भी पर्यटकों की आमद से पता चलता है कि कश्मीर बाधाओं के बावजूद पर्यटकों को लुभा सकता है।