उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में गणतंत्र दिवस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली गयी मोटरसाइकिल रैली पर शुक्रवार को हुए पथराव के बाद उत्पन्न तनाव अभी भी बना हुआ है।
ताज़ा घटना में रविवार की सुबह उपद्रवी तत्वों ने एक दुकान में आग लगा दी। पिछले दो दिनों में कासगंज में कर्फ्यू लगा है, पीएसी और पुलिस के जवान तैनात हैं, लेकिन हिंसा और आगजनी की घटनाओं में पर पूरी तरह क़ाबू नहीं किया जा सका है।
अब तक कुल 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गयी है और कई इलाकों और नेटवर्क की इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई हैं।
कर्फ्यू लगाने और भारी सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद शनिवार सुबह फिर हिंसा भड़क उठी थी। जिले में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवानों ने चौकसी बढा दी है।
घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाये रखने के अलावा हमारा प्रयास है कि समुदायों में परस्पर भाईचारा कायम रहे।’’
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्वीट किया कि घटना के सिलसिले में कम से कम नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार कासगंज थाने में शिकायत दर्ज कर ली गयी है। हिंसा में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज में निषेधाज्ञा लागू है। हालांकि उन्होंने कर्फ्यू हटाये जाने के बारे में स्पष्ट नहीं किया।
विहिप और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली जा रही मोटरसाइकिल रैली पर कल पथराव के बाद हिंसा भडक उठी थी। इसके बाद हुई आगजनी एवं फायरिंग में चंदन नामक 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी जबकि दो अन्य घायल हो गये।
पुलिस ने बताया कि कुछ अज्ञात असमाजिक तत्वों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गयी मोटरसाइकिल रैली पर पथराव कर दिया था।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने कल कहा था कि पथराव की घटना सुनियोजित नहीं लगती बल्कि ये सब कुछ अचानक हुआ है ।