हिजाब विवाद ने कर्नाटक में उथल पुथल मचा दी है। वहां सामाजिक ताना बाना तो छिन्न भिन्न हुआ ही है, इसपर राजनीति भी तेज हो गयी है। अब इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। मामला इतना गरमा गयाहै कि कर्नाटक सरकार को तीन दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े हैं। इस बीच प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार ने कहा है कि भाजपा सरकार स्कूलों में ‘ड्रेस कोड’ लाएगी।
इस मसले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई आज के लिए टाली थी। याद रहे कर्नाटक में हिजाब विवाद तब शुरू हुआ जब पिछले महीने राज्य के उडुपी के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज ने हिजाब पहनने के चलते 7 लड़कियों को क्लास में जाने से ही रोक दिया। लड़कियों ने इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनका तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाज़त न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।
मुस्लिम छात्राएं स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनकर अपना विरोध दर्ज करवा रही हैं, जबकि दूसरी तरफ कुछ छात्र भगवा स्कार्फ़ पहनकर इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं। विवाद बढ़ जाने से राजनीतिक संकट में फंसे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तीन दिन के लिए सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश दिया है।
उधर मंगलवार को उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह संविधान का पालन करेगा। कोर्ट ने छात्रों को कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति देने के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह जुनून या भावनाओं से प्रभावित नहीं होगा। कोर्ट ने शांति बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर छात्रों और जनता से अनुरोध करने का एक छोटा आदेश भी जारी किया था।
न्यायमूर्ति कृष्ण दीक्षित ने कहा, ‘संविधान मेरे लिए भगवद गीता है। मैंने संविधान का पालन करने की शपथ ली है। आइए भावनाओं को अलग रखें। भारत का संविधान एक व्यक्ति को कुछ प्रतिबंधों के अधीन अपने धर्म को मौलिक अधिकार के रूप में पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अतीत में अदालतों ने माना है कि हिजाब पहनने का अधिकार संविधान की तरफ से मिली तरफ से मिली सुरक्षा की गारंटी के तहत आता है।’