बीएस येद्दियुरप्पा कर्नाटक के चार बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन एक भी बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। भाजपा सरकार के दो साल के मौके पर इस्तीफे के बाद मंगलवार को बसवराज बोम्मई को नया मुख्यमंत्री का चेहरा चुना गया। बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। बुधवार को शपथ लेने से पहले लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बोम्मई शपथ से पहले अंजनेय मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेने गए। शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि आज हम एक कैबिनेट बैठक करेंगे, इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की जाएगी। राज्य में कोरोना के हालात और बारिश व बाढ़ को लेकर हालात की समीक्षा की जाएगी।
61 वर्षीय कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जल संसाधन एवं सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ उन्होंने हवेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। 1960 में जन्मे बोम्माई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत राज्य में जनता दल के साथ की थी। बोम्मई अभी राज्य के गृह मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री का पद भी संभाल रहे थे। बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है। बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
बता दें कि राज्य में दो साल बाद चुनाव होने हैं, जिसमें लिंगायत समुदाय को साधना भाजपा के लिए जरूरी था। कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय प्रभावी माना जाता है। बसवराज 2008 में भाजपा में शामिल हुए और तभी लगातार पार्टी में अपने काम के बल पर पैठ बनाते गए।