कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस सरकार खतरे में आ गयी है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी विदेश में हैं और इधर कर्नाटक में दोनों मित्र दलों के ११ विधायकों ने शनिवार को स्पीकर केआर रमेश कुमार को अपने इस्तीफे सौंप दिए। विधानसभा स्पीकर कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है।
कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन सरकार के ग्यारह विधायकों के इस्तीफे के बाद अब राज्य सरकार खतरे में दिख रही है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायकों ने शनिवार को अपने इस्तीफे स्पीकर को सौंप दिए जिसके बाद सदन की कुल संख्या घटकर २१२ रह जाएगी और भाजपा को बहुमत जुटाने के लिए कम मशक्कत करनी पड़ेगी।
इससे पहले पिछले हफ्ते कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। गौरतलब है कि आनंद सिंह ने खदान की जमीन बेचने को लेकर सरकार के साथ मतभेद का आरोप हुए अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंप दिया था। इस तरह अब तक १२ विधायक अपने इस्तीफे दे चुके हैं।
वैसे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या स्पीकर इनके इस्तीफे स्वीकार करते हैं। यदि इन कुल १२ विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो सदन की कुल संख्या घटकर २१२ रह जाएगी जिसे भाजपा को सरकार बनाने लायक बहुमत के लिए दो ही विधायकों की ज़रुरत रहेगी। भाजपा के कुल १०५ विधायक हैं।
कांग्रेस के जिन विधायकों ने आज स्पीकर को अपने इस्तीफे सौंपे हैं उनमें पूर्व गृह मंत्री और सात बार के विधायक रामलिंगा रेड्डी, रमेश जर्किलोही, महेश कुमाथहल्ली, एसटी सोमशेखर, बीए बसावराज, बीसी पाटिल, प्रतापगौड़ा पाटिल और शिवराम हेबर हैं।
उधर जेडीएस के तीन विधायकों में एएच विश्वनाथ, के गोपालियाह और नारायण गौड़ा शामिल हैं। याद रहे एएच विश्वनाथ ने पिछले महीने जेडीएस के राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद उन्हें लेकर कयास लग रहे थे।