भाजपा के निशाने पर रहे कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश के यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बड़ी फौज ने सोमवार को कथित भ्रष्टाचार के मामले में छापेमारी की है। कुल 15 जगह छापे मारे गए हैं। सीबीआई के करीब 65 अधिकारी इस छापेमारी में शामिल रहे। कांग्रेस ने इन छापों को ‘मोदी-येदियुरप्पा का कपटी खेल’ बताया है।
यह छापे कर्नाटक और मुंबई समेत अन्य जगह मारे गए हैं और सीबीआई की टीमें इन दोनों के परिसरों में छानबीन कर रही हैं। बता दें धनशोधन निरोधी क़ानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए एक मामले में यह छापे मारे गए हैं। सरकारी एजेंसियों का शिवकुमार पर कर चोरी और हवाला के जरिए लेनदेन का आरोप है। सीबीआई ने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिली जानकारी के आधार पर की है।
बता दें साल 2017 में शिवकुमार के दिल्ली स्थित परिसरों से छापेमारी में सरकारी एजेंसी ने कथित तौर पर आठ करोड़ रुपये मिलने का दावा किया था। आयकर विभाग ने मामले में जांच की थी और उसकी शुरूआती जांच के बाद सितंबर, 2018 में ईडी ने शिवकुमार और उनके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने सितंबर, 2019 में शिवकुमार को गिरफ्तार भी किया था और वे काफी दिन तिहाड़ जेल में रहे थे।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई ने रविवार शाम एक विशेष कोर्ट से यह छापे मारने का वारंट हासिल किया था।
उधर कांग्रेस ने इन छापों को राजनीति से प्रेरित बताया है। कांग्रेस के मुख्या राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा – ‘मोदी-येदियुरप्पा का डराने-धमकाने का कपटी खेल जिसे कठपुतली सीबीआई ने डीके शिवकुमार पर छापा मार कर अंजाम दिया,है, हमें रोक नहीं पाएगा। सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार में भ्रष्टाचार की परतों का खुलासा करना चाहिए। कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता ऐसे कुटिल प्रयासों के आगे झुकेंगे नहीं और लोगों के लिए लड़ने और भाजपा के कुप्रशासन का खुलासा करने का उनका संकल्प और मजबूत हुआ है।’
उधर कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा हमेशा बदले की राजनीति करती है और जनता को गुमराह करने की कोशिश करती है। कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार के घर पर सीबीआई की ताजा छापेमारी उपचुनाव के लिए हमारी तैयारियों को पटरी से उतारने का एक कोशिश है। मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं। हालांकि, जनता सब देख रही है और वो भाजपा को इसका जबाव देगी।’