महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे कहां की जनता के हित में वायरस संक्रमण रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कर्फ्यू की घोषणा की गई। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य की सीमाएं सील कर दी गई है व जिले की सीमा पर चौकसी बरती जा रही है। समूह में लोगों को कही नहीं जाने दिया जा रहा है।गौरतलब है कि इससे पहले पंजाब में भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के सभी धार्मिक स्थान बंद कर दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थानों पर सिर्फ धर्मगुरु पूजा करेंगे।
सूबे के मुखिया उद्धव ठाकरे ने लोगों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह उनका लिया गया यह फैसला जनता के हित में उठाया गया मजबूरी भरा कदम है। उन्होंने कहा कि लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे और वे कर्फ्यू की घोषणा करने पर मजबूर हुए हैं। इस घोषणा के साथ एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसपोर्ट भी बंद हो गया है। हालांकि आवश्यक सेवाओं की सप्लाई जारी रहेगी।
सीएम का कहना था कि कोरोना को लेकर हम उस बिंदू पर खड़े हैं कि यदि हम समय रहते जागरुक नहीं हुवे तो हम भी वैसा ही झेलने को मजबूर हो जाएंगे जैसा दुनिया के कई दूसरे देश झेल रहे हैं। राज्य में दवा दुकानें, दवाओं की सप्लाई, बेकरी, भोजन दुकान, पालतू जानवरों के क्लिनिक और फूड स्टोर, कृषि कार्य से जुड़े दुकान, खाद और बीज के दुकान खुले रहेंगे।
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी एक पत्र भी लिखा है।
*पत्र का मजमून*
_* निजी वाहन आवश्यक कारणों के लिए ही शुरू रहेगी।
* ऑटो रिक्शा में ड्राइवर के साथ एक यात्री और टैक्सी में दो यात्रियों को बैठने की अनुमति रहेगी।
* आवश्यक वस्तुओं के साथ पशु चारा की दुकाने खुली रहेगी। साथ ही कृषि माल की यातायात शुरू रहेगी।
* सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद रहेंगे।
* जरूरत पड़ने पर आंगनवाड़ी सेविकाएं और होमगार्ड के जवानों को चिकित्सा प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
* हम एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। कोरोना के प्रकोप को अभी रोका नहीं गया, तो दुनिया में जैसे फैला है वैसा ही राज्य में फैल जाएगा।_