30 सितंबर, 2020 को देश को बर्ड फ्लू की बीमारी से मुक्त घोषित किया गया था। लेकिन सिर्फ तीन महीने के बाद ही देश में बर्ड फ्लू (एच5एन1 वयरस) का कहर टूट पड़ा है। कोरोना महामारी के कहर से डरे लोगों में अब बर्ड फ्लू की दहशत है। देश के कई राज्यों को अलर्ट रहने को कहा गया है। मौज़ूदा समय में देश एक साथ कई मोर्चों पर जूझ रहा है। कोरोना वायरस की वजह से बन्द हुए बाज़ारों ने जैसे-तैसे थोड़ी-बहुत रफ्तार पकड़ी, तो अब बर्ड फ्लू के कारण यह रफ्तार फिर से थम रही है। करीब आधे देश में बर्ड फ्लू का कहर है।
एक अजीब-सा माहौल बाज़ारों में देखा जा रहा है। जहाँ देखो, वहाँ कोरोना के साथ बर्ड फ्लू की चर्चा लोगों में दहशत पैदा कर रही है। दिल्ली की संजय झील की बत्तखों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाये जाने से सभी संक्रमित बत्तखों को मारना पड़ा।
दिल्ली में बर्ड फ्लू की दहशत से दिल्ली के चिकन, मटन बाज़ारों, मुर्गा मंडियों को बन्द कर दिया गया था। लेकिन बाद में गाज़ीपुर मुर्गा मंडी के 100 नमूने जाँच के लिए भेजे गये, जो निगेटिव पाये गये। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मंडी को खोलने के निर्देश जारी कर दिये। इससे पहले इस कारोबार में लगे छोटे-बड़े व्यापारियों ने ‘तहलका’ संवाददाता से कहा था कि जिस तरह कोरोना वायरस को लेकर सियासत हुई, उसी तरह अब बर्ड फ्लू पर सियासत होती नज़र आ रही है, जिसके कारण चिकन-मीट की दुकानें बन्द करायी जा रही हैं। निरीक्षण और परीक्षण के नाम पर शासन-प्रशासन अपनी-अपनी धौंस जमा रहे हैं। जहाँ देखो वहाँ पर प्रशासन से जुड़े अधिकारी जाँच करने आ जाते हैं। मुर्गा, अंडे को बेचने वाले अपनी दुकानों को खोलने से डर रहे हैं, जिससे चिकन, मीट और अंडों के दामों में गिरावट आ रही है।
गाजीपुर मंडी के मुर्गा व्यापारी सलीम का कहना है कि बर्ड फ्लू कोई नयी बीमारी नहीं है; साल-दो साल में आती रहती है। लोगों की ज़रा-सी सावधानी से, खासकर शहरों में जागरूकता से इस पर काबू पा लिया जाता है। पर इस बार बर्ड फ्लू को कोरोना से ज़्यादा खतरनाक बताकर सीधा चिकन-मीट के बाज़ारों को तोड़ा जा रहा है, जिससे चिकन और मीट के व्यापारियों में रोष है। फैज़ान अख्तर का कहना है कि कई राज्यों में चिकन, मटन और अंडे के व्यापारियों को तंग किया जा रहा है। हरियाणा और मध्य प्रदेश में तो बाज़ारों को अचानक बन्द करवाया जा रहा है, जबकि इस बीमारी का मानव जाति पर कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है।
चिकन, मीट और अंडे का कारोबार करने वाले गफ्फार का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित देश के जाने-माने डॉक्टरों ने कई बार कहा कि चिकन, मीट और अंडे को अच्छी तरह से उबालकर, पकाकर खाने से एच5एन1 का खतरा नहीं रहता है। इस जानकारी के बावजूद चिकन, मटन के बाज़ारों को क्यों बन्द कराया जा रहा है? जबकि देश की जीडीपी में मटन, चिकन और अंडे के कारोबार का अहम योगदान है। जानकारों का कहना है कि अगर बर्ड फ्लू के नाम ज़्यादा सख्ती की गयी, तो देश की अर्थ-व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा और साथ ही लाखों लोग बेरोज़गार जाएँगे। देश तो पहले ही विकट संकट से गुज़र रहा है। दिल्ली की गाज़ीपुर मुर्गा मंडी में मीट का कारोबार करने वाले रहमान धन्धे पर असर पडऩे की बात कही।
बताते चलें कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, हिमाचल प्रदेश पंजाब और दिल्ली समेत करीब 12 राज्यों में बर्ड फ्लू से पक्षियों के मौतें हो रही हैं। इसका नतीजा यह तो नहीं कि देश भर में पक्षियों से जुड़े व्यापार पर सरकार पर शिकंजा कसे। डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल का कहना है कि बर्ड फ्लू ने कई मर्तबा देश में हड़कंप मचाया है और एक-दो सप्ताह के भीतर स्वत: ही चला गया है। पर इस बार कोरोना के कारण इस बीमारी को लेकर एक अजीब-सी दहशत फैलायी जा रही है, जो ठीक नहीं है। डॉ. बंसल का कहना है कि बर्ड फ्लू एक संक्रमित बीमारी है और एच5एन1 वायरस के कारण इसका सीधा असर श्वसन तंत्र पर पड़ता है। इससे बचाव के तौर पर सरकार को चौकस रहने और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखने की ज़रूरत है। केंद्रीय पशुपालन मंत्री संजीव बालियान का कहना है कि बर्ड फ्लू को रोकने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। देश में यह कोई नयी बीमारी नहीं है। इसके पहले 2006 में इसके मामले मिले थे और फिर 2015 से हर साल मामले सामने आते रहे है। केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि देश में प्रवासी पंक्षियों के कारण बर्ड फ्लू आता है। अक्टूबर में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे कि सर्दी आने वाली है और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
इंडियन हार्ट फांउडेशन के चेयरमैन डॉ. आर.एन. कालरा का कहना है कि 30 सितंबर, 2020 को ही देश को बर्ड फ्लू मुक्त करने की घोषणा की गयी थी; लेकिन न जाने व्यवस्था में कैसे, कहाँ चूक रह गयी कि तीन महीने बाद ही बर्ड फ्लू का कहर टूट पड़ा, जिससे लोगों में दहशत फैल रही है। डॉ. अभी ये बीमारी पक्षियों से पक्षियों के बीच ही फैली है। अगर इंसानों में फैल गयी, तो कोरोना से भी घातक हो सकती है। इससे बचने के लिए कोरोना वायरस से बचाव के उपायों की तरह ही मुँह में मास्क लगाएँ, संक्रमित क्षेत्र में जाने से बचें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।