हरियाणा के करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा का सचिवालय परिसर में धरना लगातार तीसरे दिन भी जारी है, जिसे अब बेमियादी कर दिया है। बुधवार को जिला प्रशासन के साथ एक और बैठक नाकाम रहने के बाद किसान ने सचिवालय के बहार पक्का मोर्चा लगाते हुए वहां तम्बू गाड़ दिया है। वहां इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है। उधर संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरना स्थल पर पहुँच गए हैं।
बुधवार को प्रशासन और किसानों के बीच एक और बैठक जरूर हुई, लेकिन वह बेनतीजा रही। अब किसानों ने कर्नल सचिवालय के बाहर स्थाई मोर्चा बना लिया सरकार से उसके किसी समझौते की सम्भावना न के बराबर है।
इस बीच प्रशासन ने कर्नल में इंटरनेट सेवा गुरुवार को भी बंद रखने का आदेश दिया है। उसका कहना है कि ऐसा अफवाहें रोकने के लिए किया गया है। हालांकि, यह भी सच है कि इससे लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बड़े नेताओं के दिल्ली की सीमा की तरफ जाने के बाद करनाल में धरने को चलाने का जिम्मा पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उतर प्रदेश के किसानों और नेताओं को सौंपा गया है। मंगलवार शाम संयुक्त किसान मोर्चा ने धरने को बेमियादी घोषित कर दिया। अब किसान करनाल में पूरी ताकत से डट गए हैं।
मिनी सचिवालय के बाहर किसानों के तंबू गाड़ दिया है जिससे वहां आवाजाही पर भी असर पड़ा है। सचिवालय आने वाले सभी रास्ते जिला प्रशासन ने पहले ही सील कर दिए हैं। लोग वहां अब वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
तीन कृषि कानूनों के अलावा किसान मोर्चा ने अब करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज का मुद्दा भी पूरी ताकत से खड़ा कर दिया है। जिनमें किसानों के खिलाफ बोलने वाले एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई और लाठीचार्ज में प्रभावित किसानों या उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी शामिल है।