मुजफ्फरनगर में बड़ी किसान महापंचायत करने के बाद अब करनाल में किसानों की महापंचायत शुरू हो गयी है। बड़ी संख्या में किसान वहां पहुँच रहे हैं, हालांकि, सरकार ने करनाल शहर को छावनी में तब्दील कर दिया है। सभी बड़े किसान नेता करनाल पहुँच चुके हैं। सरकार ने करनाल में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने करनाल पहुँचने के बाद मांग की है कि लाठीचार्ज में जिन लोगों को नुक्सान पहुंचा है उनके परिवारों को मुहावजा मिले।
भाकियू नेता ने कहा कि किसान इस बार अधिकारियों से बात करेंगे, हम चाहते हैं कि लाठीचार्ज में जिनको नुकसान पहुंचा उन परिवारों को मुआवजा मिले। टिकैत ने कहा – हम हरियाणा जाते हैं तो वहां के मुख्यमंत्री हमें बाहरी बोलते हैं। अगर उन्हें ही ऐसा कहा जाए तो कैसा लगेगा। यदि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में बाहरी नहीं हैं, तो हम हरियाणा-गुजरात में बाहरी कैसे हो गए।’
टिकैत ने मुजफ्फरनगर में अपने भाषण में नारेबाजी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ‘हमने अल्लाह-हू-अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगवाए, तो कुछ लोगों को बड़ी परेशानी हुई। हमें हरेक की इज्जत करनी चाहिए। ऐसा नहीं होगा तो फिर संविधान की क्या ज़रुरत है उसे भी बंद कर दो। यदि किसी को आपत्ति है, तो फिर कह दो कि वह मुसलमान का उगाया अन्न नहीं खाएंगे।’
हरियाणा सरकार के करनाल में इंटरनेट बंद करने पर टिकैत ने कहा – ‘प्रशासन ने यह पाबंदी लगाई है। क्या इंटरनेट बंद होने से लोग महापंचायत में नहीं आएंगे ? हम अधिकारियों से बात कर मुद्दे का हल निकालेंगे। सरकार अगर चाहे तो कृषि कानून पर बातचीत का माहौल बना सकती है।’
इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से अपील की है कि वह शांत रहें। हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि किसी ने भी उपद्रव नहीं करना है। चढ़ूनी ने कहा कि देश भर से कई बड़े किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है।
बता दें करनाल प्रशासन ने सोमवार को ही जिले में धारा-144 लागू कर दी थी। करनाल, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल और पानीपत में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर सोमवार रात से मंगलवार रात 12 बजे तक रोक लगा दी गयी है।