मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को छह मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया है। कमलनाथ ने दो दिन पहले इसकी सिफारिश राज्यपाल से की थी। यह सभी छह मंत्री सिंधिया समर्थक हैं।
इन मंत्रियों में महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युमन सिंह और प्रभु राम शामिल हैं। यह सभी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। सिंधिया दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
इस बीच बेंगलुरु में पिछले पांच दिन से रुके वो २२ कांग्रेस विधायक शुक्रवार को भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं, जिन्हें सिंधिया समर्थक बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज भी अपना यह आरोप दोहराया था कि इन विधायकों को वहां बंधक बनाकर रखा गया है।
यह इन विधायकों के भोपाल पहुँचने के बाद ही साफ़ होगा कि वे वास्तव में किसके साथ हैं। भाजपा इन विधायकों की सुरक्षा का अपने स्तर पर भी ”ख्याल” रख रही है, क्योंकि इनके ऊपर ही निर्भर है कि कमलनाथ सरकार जाती है या बची रहेगी।
संभावना है कि इन विधायकों के भोपाल पहुंचते ही कांग्रेस इनसे मिलने की कोशिश कर सकती है।
सूबे के राज्यपाल लालजी टंडन ुरुवार रात अवकाश से वापस आ गए जिसके बाद सीएम कमलनाथ आज ही उनसे सुबह मिले थे और उनसे आग्रह किया कि वे फ्लोर टेस्ट के लिए तारीख तय करें। कमलनाथ का दावा है कि उनके पास बहुमत है और वे इसे साबित कर देंगे। कांग्रेस के सभी विधायक इस समय राजस्थान के जयपुर में हैं।