आगरा के लालऊ गांव में 18 दिसंबर को 10 वीं की छात्रा संजलि को जिंदा जलाकर मार दिए जाने की घटना में पुलिस के अनुसार उसके चचेरे भाई ने ही कथित तौर पर उसे आग लगाई थी।
एसएसपी अमित पाठक के मुताबिक़ जांच में पाया गया कि मामले का मुख्य आरोपी लड़की का चचेरा भाई योगेश था जिसने घटना के बाद ख़ुदकुशी कर ली थी। योगेश के अलावा उसके कुछ रिश्तेदारों की भी इस हत्याकांड में संलिप्तता थी।
रिपोर्ट्स में जघन्य वारदात की वजह यह बताई जा रही है कि संजलि ने उसे व्हाट्स एप चैट में ‘लूजर’ कह दिया था। यह तक कह दिया था कि तुम भाई कहलाने के लायक नहीं हो। इसी से उसके अंदर नफरत की आग भड़क गई। उसने दो रिश्तेदार युवकों के साथ मिलकर वारदात की।
पुलिस ने दोनों आरोपियों आकाश और विजय को गिरफ्तार कर लिया। योगेश ने इन्हें 15-15 हजार रुपये देने का लालच देकर वारदात में शामिल किया था। इनसे हत्या में इस्तेमाल बाइक दो बाइक, हेलमेट बरामद हो गए हैं। इन्होंने बताया है कि योगेश ने क्राइम सीरियल देखकर साजिश रची।
पुलिस के मुताबिक छात्रा को जिस जगह पर जलाया गया वहां पुलिस को पहला सबूत लाइटर मिला। इस लाइटर के जरिये जांच आगे बढ़ी। इस लाइटर पर आरोपियों के फिंगर प्रिंट मिले थे।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान योगेश के रिश्तेदार विजय और आकाश का नाम भी आरोपी के तौर पर सामने आया. योगेश पहले ही खुदकुशी कर चुका है। विजय, योगेश के मामा का बेटा है, जबकि आकाश, विजय का रिश्तेदार बताया जाता है।
भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार छात्रा की मौत के बाद पुलिस की टीम योगेश के घर की तलाशी लेने पहुंची तो उन्हें एक पत्र मिला। इसके बाद साफ हो गया कि योगेश की इस मामले में भूमिका संदिग्ध है। छात्रा की हत्या और योगेश की मौत को लेकर पुलिस ने कड़ियां जोड़ना शुरू की, तो शुरुआती जांच में मामला एकतरफ़ा प्यार का निकलकर सामने आया है।