अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं। इसका असर भारत में भी दिख सकता है। पिछले कुछ हफ्ते से देश में तेल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का तेल निकाल दिया है। तीन-चार दिन से कीमतें कुछ काम हुई हैं लेकिन अंतराष्ट्रीय बाज़ार की कीमतों के मुकाबले भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी बहुत ऊंची हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी अरब की ओर से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ने से दाम नीचे गिरने लगे हैं। बीस दिन पहले तीन अक्टूबर को कच्चा तेल अपने इस साल के सबसे ऊपरी स्तर यानी ८६.७४ डॉलर प्रति बैरल पर था हालांकि अब इसमें सीधे १३ प्रतिशत की गिराबट दर्ज की गयी है। लिहाजा कच्चे तेल की कीमतें गिरकर ७६ डॉलर प्रति बैरल पहुँच गई हैँ।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की इन गिरती कीमतों को देखते हुए देश के एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे हैं कि पेट्रोल की कीमतों में कमी आनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ राखी है और इसका असर देश भर में दूसरी चीजों पर भी पड़ा है और उनकी कीमतें ऊंची हुई है। वैसे पिछले कुछ दिन से पैसों के अंतर से घटती कीमतों ने लोगों को हल्की राहत जरुर दी है।
जानकारों के मुताबिक अंतराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की घटती कीमतों के लिहाज से तो देश में भी पेट्रोल करीं ६ से ८ रूपये सस्ता हो जाना चाहिए। तेल की कीमतों में लगातार उछाल से वैसे भी देश में लोग बहुत खफा हैं और उनकी मुसीबतें बढ़ीं हैं। भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत नीचे तक जाने के बाद अचानक थोड़ा सुधरा है। ऐसे में सरकार के लिए तेल की कीमतों में कटौती करना आसान होना चाहिए।