फिल्म मणिकर्णिका की मुख्य अभिनेत्री और सह निर्देशक कंगना रानौट की फिल्म वैसे तो बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही लेकिन कई मुद्दों पर वे काफी नाराज हैं। दरअसल बॉलीवुड में महिला ओैर पुरूष को उनकी कला प्रदर्शन पर अलग-अलग भुगतान, फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद और सेक्स की तमाम हरकतों पर वे पहले भी अपनी बात रखती रही हैं, लेकिन उनकी बातों को बहुत तवज्जुह देने वाले वहां कम ही हैं।
जब तमाम बाधाओं के बाद फिल्म ‘मणिकर्णिका’ तैयार हो गई तो कंगना ने बॉलीवुड की तमाम फिल्मी हस्तियों, मीडिया और फिल्म से जुड़े लोगों को अपनी फिल्म के ‘प्री-वयू’ के लिए आमंत्रित किया। लेकिन ज़्यादातर फिल्मी अदाकार फिल्म देखने नहीं पहुंचे। इस पर कंगना ने कहा कि फिल्म उद्योग उनके खिलाफ एकजुट हो गया है। मैं इसकी चुनौतियां स्वीकार करती रहूंगी ।
कंगना रानौट जब ‘मणिकर्णिका’-झांसी की रानी’ फिल्म के लिए बॉलीवुड के नामी अदाकारों का साथ चाह रही थीं तब अभिनेता अनुपम खेर ने ज़रूर उन्हें सहयोग दिया और ट्विटर पर लिखा कि वे ‘राकस्टार’ हैं। वे मेधावी हैं। मैं उनके साहस और अभिनय की तारीफ करता हूं। महिला सशक्तिकरण की वे सटीक उदाहरण हैं।
अभी हाल एक साक्षात्कार में कंगना ने कहा कि उन्होंने दंगल, सिक्रेट सुपर स्टार और राजी फिल्मों की ‘प्रि-व्यू’ में भाग लिया था। लेकिन आमीर खान और आलिया भट्ट ने उनके लिए ‘प्रि-व्यू’ में आना पसंद नहीं किया। हालांकि जब आलिया से पूछा गया तो उसका जवाब था कि यदि इस बात से कंगना नाराज़ हंै तो वे उनसे माफी मांग लेंगी। कंगना ने एक वीडियो इंटरव्यू में कहा है कि बॉलीवुड फिल्म उद्योग उनकी टिप्पणियों के कारण उनसे खफा है। इस पर उन्होंने कहा,’मैं इनकी वाट लगा दूंगी एक एक को एक्सपोज करूंगी।’
अपनी फिल्म के प्रचार के संबंध में बात करते हुए कंगना ने बताया कि एक बार आलिया को बुलाया और उससे पूछा कि ‘मणिकर्णिका’ क्यों उनको मेरे व्यक्तिगत विवादों से जुड़ी फिल्म लगती है। जबकि पूरे देश में इसकी खासी चर्चा ऐतिहासिक वजहों और कला रूपों के चलते रही। मैंने उससे पूछा कि क्यों बॉलीवुड में इस फिल्म पर इतनी खामोशी है। मैने जानना चाहा कि क्या मैं उसके प्रति सहृदय रहूं जब उसने अपने काम पर मेरी प्रतिक्रिया चाही। आखिर मेरी फिल्म से उसे क्यों इतना डर है।
कहीं तो ऐसा भी हुआ कि कंगना इतनी निराश थी कि वह खीझ कर बोली क्या रानी लक्ष्मीबाई मेरी चाची थी। वह देश की बड़ी प्रतिभा थी। लेकिन इस तरह की बेरूखी क्यों है? क्या इसलिए क्योंकि मैं भाई-भतीजावाद पर बात करती हंू। सात फरवरी को एक स्कूल में इस फिल्म के विशेष प्रदर्शन के मौके पर उन्होंने कहा कि यह ऐसे ही है किसी एक बच्चे के खिलाफ साठ बच्चे एकजुठ हो जाएं। उन्होंने कहा, मेरे साथ बॉलीवुड में कुछ ऐसा ही हो रहा हैं। उसे लगातार परेशान किया जा रहा है। बताओ, कैसा लग रहा है।
उन्होंने आलिया से अपनी एक और बातचीत का हवाला दिया जब उन्होंने उससे महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीयता के मुद्दे पर बनी एक फिल्म के लिए समर्थन चाहा। लेकिन ऐसा लगा कि उसकी अपनी रीढ़ नहीं है। उसकी अपनी कोई आवाज़ नहीं है। अपना अस्तित्व नहीं है। वह करण जौहर की कठपुतली है। ऐसे में वह खुद को कामयाब नहीं मान सकती। कंगना की इन बातों पर जब आलिया से बात की गई तो उसने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कंगना मुझ से इतनी नाराज है कि मुझे नापसंद करें। वे नाराज हों इसलिए मैंने कुछ भी नहीं किया। फिर भी यदि उन्हें ऐसा लगता है तो उनसे मैं माफी मांग लूंगी।
जब कंगना से पूछा गया कि क्या बॉलीवुड की तथाकथित हस्तियां फिल्म और लोकप्रिय बनाने में सहयोग देती तो कंगना ने कहा कि दूसरे सिने कलाकारों से कोई मदद मेरी फिल्म में नहीं मिलती। लेकिन वे फिल्म देख तो सकते ही थे। मुझे तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं वह भी सिर्फ 31 साल की उम्र में। अब तो मैं फिल्म भी बनाने लगी तो वे क्यों मुझे आगे बढ़ाएंगे।
कंगना ने कहा,’बॉलीवुड इंडस्ट्री के ऐसे लोग है जिन्हें शर्म ही नहीं है। इनमें कई तो मेरे दादा की उम्र के हैं। मैं उनके साथ काम नहीं करना चाहती। यह मैं उनके सामने कहने से डरती भी नहीं। हमने यह फिल्म रानी लक्ष्मीबाई की जिंदगी पर बनाई है। क्योंकि उन्होंने इस देश की खातिर जान गंवाई। आज अकेली कंगना रानौट एक आज़ाद देश में नहीं रह रही है। इस आज़ाद देश में 125 करोड़ लोग रह रहे हैं जो खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
इस फिल्म के एक सह निर्देशक कृष जगरमुडी इस बात पर कंगना से रूठे हुए हंै कि वे कहती है कि वे भी इस फिल्म की निर्देशक हैं। कृष का कहना है कि पूरी फिल्म जून में उन्होंने संपादित की। साथ ही हर कलाकार ने अपने-अपने हिस्से की डबिंग की। उस समय कंगना लंदन में ‘मेंटल है क्या’ फिल्म की शूटिंग में थी। जब वे लौटी तो उन्होंने फिल्म देखी और कुछ जगह बदलाव की बात कहीं। कृष का कहना है कि उनके नाम के साथ क्रेडिट में छेडख़ानी हुई। मैंने जब उनसे कहा तो उन्होंने कहा,’आपको ज़रूरत है तो आए’। मुझे नहीं पता कि वे निश्चिंत होकर कैसे सो पाती है।