त्योहारी सीजन में लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए स्वयं सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि आये दिन देश में ऑनलाईन धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे है। जानकारों का कहना है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। ऐसे में पेटीएम, बैंक कार्ड सहित ऐप के जरिये जो भी भुगतान करें सोच समझकर करें।
केनरा बैंक के पीआरओ मनोज त्यागी का कहना है कि, बैंकों पर आरबीआई द्वारा चलाये जा रहे है। जागरूकता अभियान के तहत बैंकों में ऑनलाइन और अन्य तरह की धोखाधड़ी के मामले जरूर कम हुये है। क्योंकि बैंकों ने जो नया एटीएम सिस्टम लागू किया है। उसमें हर बार आप को नया ओटीपी मिलता है। तब जाकर एटीएम से पैसा निकलता है।
बाजारों में और होटल रेस्टोरेंट सहित अन्य संस्थानों में जो ऑनलाइन सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है। उसमें कई तरह की कमियां है। जिसका लाभ कई जगह दुकानदार तो कई बार ग्राहक लाभ ले-लेता है। क्योंकि दुकान अपने कारोबार में व्यस्त रहता है। ऐसे में ग्राहक ये कहता है कि मोबाइल में सिग्नल नहीं आ रहे है। वो सिग्नल आते ही करता है। 2000 को पेमेंट 200 रुपये में करके चला जाता है।
सबसे गंभीर मामला तो शातिर लोग जो टेक्नोलॉजी के जानकार होते है। वो अपनी बातों से भोले –भाले लोगों को कई तरह बातों में ऐसे फंसाते है। सीधे-साधे लोगों उनकी बातों में आ जाते है। और बैंक से जुड़ी गुप्त जानकारी दे देते है। जिसके कारण उनके बैंक से पैसे निकाल लिये जाते है। पासवर्ड भी हासिल कर कई मर्तबा कई- कई बार पैसे निकाले जाते है।
दिल्ली के सीलमपुर में अंकित शर्मा के दोस्त पवन ने ही अंकित के साथ बैंक और एटीएम की तमाम गोपनीय जानकारी हासिल कर 2 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए थे। लेकिन मामला बैंक से जुड़ा था। ऐसे में पुलिस में मामला पहुंचते ही तमाम जांच पड़ताल के बाद ही मालूम पड़ा कि दोस्त ने ही पैसा निकाल लिया। पुलिस के डर से दोस्त ने ही पैसे निकालने की बात कबूल ली । साइबर मामलों के जानकार पीयूष जैन का कहना है कि ऐसे मामले में सरकार कुछ नहीं कर सकती है। बस जागरूकता से ही संभव है।जो भी ऑनलाइन करें सतर्कता के साथ करें।