प्रिय मैं, आपके 50वें जन्मदिन पर,
अब जबकि मैं अपने 50वें जन्मदिन की ओर बढ़ रहा हूँ, कुछ सुझावों के साथ यह खुला पत्र मैं आपको (खुद को) लिख रहा हूँ। अमेरिकी राष्ट्रपति, जॉन एफ. कैनेडी ने एक बार कहा था कि ‘परिवर्तन जीवन का नियम है। और जो केवल अतीत या वर्तमान को देखते हैं, वे भविष्य को निश्चित ही गँवा देते हैं। वैसे मेरे लिए जीवित रहने का यह एक शानदार समय है। यह लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का समय है। पीछे मुडक़र देखूँ, तो पाता हूँ कि मैंने उन चीज़ों को अच्छे से जिया है, और मैं इसका आभारी हूँ।’
आज, आपने मध्य आयु वाले लोगों और बुजुर्गों के सुन्दर समूह में प्रवेश किया है। बधाई हो! मुझे यकीन है कि आप यह समझने के लायक हो चुके हैं कि जीवन अनमोल है और इसे सावधानी से जीना चाहिए। मैं जानता हूँ कि आपने जीवन में कुछ कठिन पल जिये हैं; लेकिन फिर भी आपने कल्पना से कहीं अधिक किया है और दुनिया में एक बदलाव लाने की कोशिश की है। आपको कुछ खुशी मिली है और कठिन परिश्रम और दयालु हृदय के साथ कुछ चेहरों पर मुस्कान लायी है। आपने खुद को अनुग्रह दिखाना सिखाया है और जब भी आपने मित्रविहीन महसूस किया, ऊपर से ईश्वर की दिखायी रौशनी का आपने स्वागत किया है।
अब जबकि आप 45वें साल को पार करके 50वें जन्मदिन की ओर बढ़ रहे हैं, तो जीवन के इस पड़ाव तक पहुँचते-पहुँचते कई लोग प्यार में डूब चुके होते हैं; शादी कर चुके होते हैं; घर खरीद चुके होते हैं; घर बसा चुके होते हैं और उनके बच्चे होते हैं। कई लोगों के लिए 45-50 जीवन का ऐसा मील पत्थर है, जब वे अतीत की तरफ देखना शुरू कर सकते हैं और अपने किये गये हर उस काम का जायज़ा ले सकते हैं, जो आपने भौतिक और आध्यात्मिक रूप से हासिल किया है।
आओ, मैं आपको बताऊँ कि मैं अपने भीतर किस तरह के बदलाव महसूस कर रहा हूँ? मैं इन्हें आपके साथ साझा कर रहा हूँ –
माता-पिता, भाई-बहनों, अपने हमसफर, अपने बच्चों, दोस्तों से प्यार करने के बाद अब मैं खुद से प्यार करने लगा हूँ।
मुझे एहसास हुआ कि मैं ‘एटलस’ नहीं हूँ। दुनिया मेरे कन्धों पर नहीं टिकी है।
मैंने अब सब्ज़िायों और फलों के विक्रेताओं के साथ सौदेबाज़ी बन्द कर दी है। आिखरकार, कुछ अधिक रुपये मेरी जेब को ज़्यादा भारी नहीं कर रहे; पर हाँ, इससे किसी गरीब को अपनी बेटी की स्कूल की फीस जुटाने में ज़रूर मदद मिल सकती है।
मैं छुट्टे का इंतज़ार किये बिना टैक्सी ड्राइवर को भुगतान कर देता हूँ। अतिरिक्त पैसा उसके चेहरे पर एक मुस्कान ला सकता है। आिखर वह जीने के लिए मुझसे कहीं ज़्यादा मेहनत कर रहा है।
मैंने बुजुर्गों को बताना बन्द कर दिया कि वे पहले भी कई बार उस कहानी को सुना चुके हैं। यह कहानियाँ उन्हें गुज़रे वक्त तक ले जाने और उन लम्हों से मुक्ति देने में मदद कर सकती हैं।
मैंने लोगों के गलत होने पर भी उन्हें सही नहीं करना सीख लिया है। आिखर सबको ‘परफैक्ट’ बनाने का ज़िाम्मा मुझ पर नहीं है। पूर्णत: से अधिक कीमती शान्ति है।
मैं खुलकर और उदारता से तारीफ करता हूँ। यह सब न केवल दूसरे का मूड बेहतर कर देता है, बल्कि मेरा भी।
मैंने अपनी शर्ट पर क्रीज या किसी धब्बे से परेशान होना छोड़ दिया है। व्यक्तित्व, दिखावे की तुलना में ज़्यादा बेहतर होता है।
मैं उन लोगों से दूर जाता हूँ, जो मुझे महत्त्व नहीं देते। आिखरकार, वे मेरी कीमत नहीं जान सकते; लेकिन मैं जनता हूँ।
मैं तब भी शान्त रहता हूँ, जब कोई चूहा दौड़ में शामिल होने के लिए मुझसे गन्दी राजनीति करता है। आिखर मैं चूहा नहीं हूँ और न ही मैं किसी दौड़ में हूँ।
मैं अपनी भावनाओं से शॄमदा होना नहीं सीख रहा हूँ। आिखरकार यह मेरी भावनाएँ हैं, जो मुझे मानव बनाती हैं।
मैंने सीखा है कि किसी रिश्ते को तोडऩे से बेहतर है कि अहंकार को छोड़ दिया जाए। क्योंकि, मेरा अहंकार मुझे अकेला कर देगा; जबकि रिश्तों के बीच मैं कभी अकेला नहीं रहूँगा ।
मैंने प्रत्येक दिन को यह सोचकर जीना सीख लिया है कि यह आिखरी दिन है। आिखरकार यह आिखरी हो सकता है।
मैं वही कर रहा हूँ, जो मुझे खुश करता है। आिखरकार मैं अपनी खुशी के लिए ज़िाम्मेदार हूँ, और मुझे इसका श्रेय जाता है।
मैंने खुद को यह पत्र भेजने का फैसला किया, क्योंकि मुझे खुद को खुद के सामने व्यक्त करने के लिए इतने लम्बे समय तक इंतज़ार क्यों करना चाहिए।