अगर कोरोना का तांडव ऐसे ही चलता रहा और आँक्सीजन की किल्लत बनी रही तो , वो दिन दूर नहीं जब छोटे-छोटे व्यापारियों और कारीगरों के सामने सही मायने में रोजी रोटी का संकट गहराने में देर नहीं लगेगी।तहलका संवाददाता को एसी और फ्रिज के दुकानदारों ने बताया कि लाँकडाउन के चलते एसी और फ्रिज की बिक्री बहुत कम हो रही है। लेकिन उन कारीगरों पर सबसे अधिक आर्थिक संकट गहराया है। जो फ्रिज की रियेरिंग और एसी की रिपेयरिंग कर अपना जीवन- यापन करते थे। दिल्ली के सलीम जो सालों साल से एसी और रिपेयरिंग का काम कर अपना जीवन यापन करते आ रहे थे। लेकिन पिछले साल 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद देश व्यापी लाँकडाउन के चलते उनका कारोबार बंद हो गया था। इस साल आँक्सीजन की कमी के चलते कंपनियों में काम बंद है। सो उनका कारोबार एक तो लाँकडाउन के चलते बंद है और गैस ना मिलने से एसी और फ्रिज की मरम्मत तक नहीं कर पा रहे है।
सोहन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार त्यौहार में व्यापारियों की कमाई होती है। उसी प्रकार गर्मियों के मौसम में उनका मरम्मत का काम धंधा ठीक चलता था लेकिन इस बार तो जीरों है जीरो। जो रोजी रोटी का संकट पैदा कर रहा है। एसी –फ्रिज रिपेयरिंग करने वाले कर्मचारियों ने दिल्ली और केन्द्र सरकार से अपील की है। हमारे जैसे कारीगर जो दैनिक काम धंधा कर अपना जीवन यापन करते रहे है। लेकिन इन दिनों बंद होने से सरकार कुछ उनकी आर्थिक मदद करें ताकि परिवार का पालन पोषण सही हो सकें। क्योंकि एक तो कोरोना का कहर उस पर लाँकडाउन जिससे काम धंधा एक दम बंद है।