प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का एक पोट्र्रेट जारी किया है, जिसको यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा से 2 करोड़ रुपये में खरीदा था।
2010 में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा की ओर से राणा कपूर को भेजे गये एसएमएस से इस बात का खुलासा हुआ है कि उक्त पेंटिंग शो में कैसे देवड़ा बार-बार ‘राणा अंकल’ को इसे खरीदने के लिए तत्परता दिखाने को कहा था। मिलिंद देवड़ा के ये टेक्स्ट मैसेज ‘तहलका’ के पास उपलब्ध हैं। एक संदेश में देवड़ा ने लिखा है- ‘मुझे एक तय समय सीमा बता दें कि चेक कब दिया जाएगा…? इसमें देरी से यह डर लगता है कि इस बारे में यस बैंक गम्भीर नहीं है।’ एक अन्य मैसेज में लिखा है- ‘राणा अंकल! पीजी आपको एक पत्र भेजेंगी, जिसमें लिखा होगा कि वह पेंटिंग बेचने के लिए राज़ी हैं।’ एक अन्य संदेश में कहा गया है- ‘राणा अंकल कृपया मुझे बताएँ कि मैं चेक कब लेने आ सकता हूँ?’
इसके बाद राणा कपूर ने 3 जुलाई, 2010 को एक चेक भेजा और अगले दिन प्रियंका गाँधी वाड्रा से एक पावती पत्र मिला, जिसमें उन्होंने पेंङ्क्षटग खरीदने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अपने पत्र में प्रियंका ने लिखा- ‘श्री एमएफ हुसैन की बनायी मेरे पिताजी श्री राजीव गाँधी की पेंङ्क्षटग को खरीदने के लिए धन्यवाद! यह पेंङ्क्षटग 1985 में कांग्रेस पार्टी के शताब्दी समारोह में उनको भेंट की गयी थी, जो मेरे स्वामित्व में थी।’ पत्र में यह भी लिखा गया है- ‘मुझे 3 जून, 2010 का लिखा पत्र मिला है, जिसमें 3 जून, 2010 की तारीख का चेक आपके एचएसबीसी के बैंक खाते का है। यह पेंटिंग का फुल एंड फाइनल पेमेंट है।’
ईडी अब आपराधिक मामले की जाँच के दौरान राणा कपूर से इस पेंङ्क्षटग के बारे में भी सवाल-जवाब कर सकता है। राणा कपूर को हिरासत में लिये जाने के बाद उनके आवास से यह पेंटिंग भी मुम्बई के ईडी कार्यालय लायी गयी। राजीव गाँधी को 1985 में कांग्रेस पार्टी के शताब्दी समारोह के दौरान यह पेंटिंग भेंट की गयी थी।
सूत्रों का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत कपूर से मिली इस रकम को प्रियंका ने शिमला के पास कॉटेज बनाने में खर्च किया, जिसे अपराध की श्रेणी में माना जाता है और इस सम्पत्ति को ईडी अटैच भी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पेंङ्क्षटग मामले में देवड़ा से भी ईडी के अधिकारी पूछताछ कर सकते हैं।
इस खुलासे के साथ ही भाजपा ने कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को सियासत का ‘बंटी और बबली’ करार दिया। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा है कि प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा पर पहले से ही संदिग्ध अचल सम्पत्ति लेन-देन से मुनाफा कमाने के आरोप हैं और अब कपूर से एक पेंटिंग के लिए 2 करोड़ रुपये मिले, जिसे शक्तिशाली दम्पति ने निजी लाभ के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग कर फायदा उठाया। राव ने कहा कि वे (वाड्रा दम्पति) वित्तीय गड़बड़ी और धोखाधड़ी में शामिल लोगों को संरक्षण और सुरक्षा देने के लिए सौदा करते हैं। वाड्रा दम्पति को उनके चुनाव संचालन और संदिग्ध तरीकों के लिए राजनीतिक वर्ग का ‘बंटी और बबली’ कहा जा सकता है। बता दें कि बंटी और बबली एक ऐसे दम्पति के जीवन पर आधारित बॉलीवुड िफल्म थी, जो अलग-अलग तरीकों से लोगों के पैसे उड़ाते हैं।
हालाँकि, कांग्रेस ने प्रियंका के एमएफ हुसैन की पेंङ्क्षटग को बेचे जाने के मामले में कुछ भी गलत होने से इन्कार किया है। कांग्रेस ने तो यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई कार्यक्रमों के प्रायोजक राणा कपूर रहे हैं। पार्टी ने स्पष्ट कहा कि चेक के ज़रिये वैध लेन-देन था, जिसका खुलासा प्रियंका ने अपने आयकर रिटर्न में किया था। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि 10 साल पहले राजीव गाँधी की एमएफ हुसैन की पेंटिंग को किस तरह से प्रियंका गाँधी ने यस बैंक के मालिक राणा कपूर को बेचा? और इसे टैक्स रिटर्न में भी भरा, तब इसे कैसे गैर-कानूनी लेन-देन करार दिया?