मुंबई : एमपी मिल कम्पाउंड एसआरए घोटाले की जांच कर रहे लोकायुक्त द्वारा राज्य के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता की भूमिका पर सवाल खड़े करने के बाद मेहता की मुश्किलात बढ़ सकती हैं। कांग्रेस व एनसीपी ने मेहता को मंत्रिमंडल से हाटने की मांग की है। विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष को सरकार पर हमला करने के लिए एक बड़ा मौका मिल गया है। लोकायुक्त की रिपोर्ट 17 जून से शुरु हो रहे सत्र में पेश की जा सकती है। हालांकि इस मामलेे मेंं मुख्यमंत्री ने उन्हें क्लीनचिट दे दिया था।
लोकायुक्त जस्टिस एम एल ताहिलियानी की रिपोर्ट के बाद विधानपरिषद विरोधी दल नेता धनंजय मुंडे ने चेतावनी दी है कि जब-तक मेहता इस्तिफा नहीं देंगे,तब तक सदन काम नहीं चलने देंगे।
प्रकाश मेहता ने इस बात को तथ्यहीन कहते हुए कहा,’अगर लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को दी है और उसने मेरे बारे में कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की है, इसमें कोई सच्चाई होती तो मैं इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करता।’
कांग्रेस नेता सचिन सावंत का कहना है ,’ एसआरए योजना में मेहता की भूमिका को लेकर लोकायुक्त ने गंभीर सवाल उठाए हैं। ऐसे में सरकार को इस मामले में अपनी भूमिका साफ कर मेहता को तुरंत मंत्रीमंडल से हटा कर उनके खिलाफ फौजदारी मुकदमा दर्ज कराना चाहिए’।
मुंबई के ताडदेव स्थित एमपी मिल एसआरए प्रोजेक्ट में गृह निर्माण मंत्री मेहता पर आरोप है कि उन्होंने एफएसआई घोटाला कर बिल्डर एसडी कॉरपोरेशन को करोड़ों का फायदा पहुंचाया था। उन्होंने नियमों को दरकिनार कर यहां की एफएसआई किसी अन्य जगह इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की थी।
संबंधित फाईल पर मेहता ने रिमार्क दिया था कि इस प्रकरण से सीएम को अवगत कराया गया है। हालांकि विपक्ष द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद सीएम ने इस मामले की जानकारी से मना कर दिया था। नेता ने बाद में स्वीकार कर लिया था कि उन्होंने गलती से रिमार्क लिख दिया था। विधानमंडल के दोनों सदनों में वे जमकर हंगामे के बाद विपक्ष के दबाव के चलते मामले की जांच लोकायुक्त से कराए जाने के आदेश सीएम ने दिए थे। विपक्ष उस समय भी मेहता से इस्तीफे की मांग कर रहा था।
लोकायुक्त रिपोर्ट के बाबत सावंत पूछते हैं,’ क्या लोकायुक्त की यह रिपोर्ट चुनाव से पहले सरकार को सौप दी गई थी? सरकार बताए कि जब उसे लोकायुक्त की रिपोर्ट मिल गई है तो मंत्री मेहता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? एऐसा लगता है कि इस घोटाले में केवल मेहता शामिल नहीं हैं बल्कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी सहभागी हैं।’
वहीं प्रदेश एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील ने भी प्रकाश मेहता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाटिल का सबसे बड़ा सवाल थी, ‘क्या फडणवीस मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों की भी इसी तरह निष्पक्ष जांच होगी? लोकायुक्त की रिपोर्ट में मेहता दोषी पाए गए हैं।
धनंजय मुंडे कहते हैं, ‘ प्रकाश मेहता पर विपक्ष के आरोपों को लोकायुक्त ने भी सही माना है ।अपने मंत्रियों को क्लीन चिट देने वाले मुख्यमंत्री की भी कलई खुल गई है। अब समय है मुख्यमंत्री इमानदारी से फैसला करें।