एशियन खेल 2018

जकार्ता-पालेमबांग में सम्पन्न 18 वें एशियाई खेल भारत के लिए जहां तक पदकों का सवाल है, सबसे सफल माने जा सकते हैं। इंडोनेशिया में दूसरी बार आयोजित इन खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदकों सहित कुल 69 पदक जीते। पदकों की यह गिनती 1951 में दिल्ली में आयोजित पहले एशियाई खेलों की बराबरी करती है। इस प्रतियोगिता के दौरान भारतीय खिलाडिय़ों ने कई राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किए। इस के साथ ही देश ने पहली बार ‘सेप्कटेकरा’ में पदक हासिल किया। राही सरनोबत ने पहली बार महिला वर्ग में निशानेबाजी का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उधर कुश्ती में विनेश फोगाट स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। इन खेलों में भारत को झटका भी लगा जब भारतीय पुरुष कबड्डी टीम में लगातार सात स्वर्ण पदक जीतने के बाद सेमीफाइनल में हार गई। यही हाल भारतीय महिला कबड्डी का भी रहा।

एथलेटिक्स

भारत के लिए एथलेटिक्स में सर्वाधिक पदक आए। 15 स्वर्ण पदकों में से सात स्वर्ण पदक एथलेटिक्स में मिले। इन एथलीटों ने 10 रजत पदक और 2 कांस्य पदक भी हासिल किए। इंचियोन में आयोजित 17 वें एशियाई खेलों में भारत ने एथलेटिक्स में 13 पदक जीते थे। नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। हैप्टथलॉन में स्वपना बर्मन को कोई चुनौती नहीं थी। भारत की 4म400 मीटर महिला रिले टीम लगातार पांचवी बार इस स्वर्ण पदक की दावेदार बनी। 1500 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक भारत के हिस्से 20 साल बाद आया। जिनसन जॉनसन ने सभी प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए यह पदक जीता। मनजीत सिंह ने 800 मीटर की दौड़ में सभी को हैरान करते हुए पहला स्थान हासिल किया। उसने इस दौड़ के सबसे मज़बूत दावेदार जिनसन जॉनसन को दूसरे स्थान पर धकेल दिया। भारत को यह स्वर्ण पदक 32 साल बाद मिला।

ऐसा ही कारनामा त्रिकूद में अरपिंदर पाल सिंह ने किया। उसने 48 साल बाद यह पदक भारत की झोली में डाला।

एथलेटिक्स ने इस बाद हैरान कर देने वाले परिणाम दिए हंै। कुल 69 पदकों में से 19 पदक अकेले एथलेटिक्स में आए हैं। पदकों की इस बरसात की शुरूआत तेजिंदरपाल सिंह तूर ने की। उन्होंने गोला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 23 साल के इस एथलीट ने नया खेेल रिकार्ड भी बनाया।

रजत पदक जीतने वालों में मोहम्मद आनास याहिया और हिमा दास शामिल हैं। इन दोनों ने पुरुषों और महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीते। इसके बाद दास, याहिया, राजीव आरेकिया और एमआर पूवामा ने 4म400 मीटर की मिश्रित रिले में दूसरा स्थान पा कर रजत जीता। इसके अलावा भारत की 4म400 मीटर रिले दौड़ में भी रजत पदक भारत के हिस्से आया।

दुत्ती चंद ने महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ों में रजत पदक हासिल किए। धरून आप्पासामी ने पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ में और सुधा सिंह ने 3000 मीटर स्टीपल चेंज़ में रजत पदकों पर कब्जा जमाया। महिलाओं की लंबी कूद का रजत पदक नीना वराकिल ने जीता।

इनके अलावा चित्रा उन्नीकृष्णन ने महिलाओं की 1500 मीटर की दौड़ और पुनिया ने चक्का फेंक(डिस्क थ्रो) स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।

निशानेबाजी

एथलेटिक्स के बाद भारत को सर्वाधिक पदक निशानेबाजी में मिले। भारत के लिए दोनों स्वर्ण पदक अप्रत्याशित रूप से आए। 16 साल के सौरभ चौधरी ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में सभी को पछाड़ कर हतप्रभ कर दिया। दूसरी और राही सरनोबत ने 25 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में मनू भाकर को पछाड़ कर स्वर्ण जीता।

निशानेबाजी में भारत को चार रजत पदक भी मिले। डबल ट्रैप में युवा निशानेबाज शरदूल विहान ने रजत जीता। यही कारनामा लक्ष्य ने ‘ट्रैप’ मुकाबले में कर दिखाया। दीपक कुमार ने 10 मीटर एयर रायफल मुकाबले में और संजीव राजपूत ने 50 मीटर रायफल तीन पोजीशन में चांदी के मेडल जीते।

निशानेबाजों ने तीन कांस्य पदक भी हासिल किए। अभिषेक वर्मा ने 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में कांस्य पदक जीता। जबकि सिधू ने महिला वर्ग के 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में कांस्य पदक पाया। रवि कुमार और अपूर्वी चंदेला ने 10 मीटर एयर रायफल की मिश्रित टीम प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।

कुश्ती

भारत ने अपने पारंपरिक खेल कुश्ती में तीन पदक पाए। सबसे पहले बजरंग पुनिया ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग में सोने का पदक पाया। दिव्या ककरान को 68 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक मिला।

नौकायन

नौकायन में भी भारत को अप्रत्याशित रूप से एक स्वर्ण पदक मिला। इसके साथ उन्हें दो कांस्य पदक भी हासिल हुए। स्वर्ण पदक उन्हें ‘क्वाडरूयल स्कल’ के पुरुष वर्ग में स्वर्ण सिंह, दत्तू मोकानल, ओम प्रकाश, और सुखमीत सिंह की टीम ने जीता।

दुष्यंत ने लाईट वेट स्कलस में कांस्य पदक पाया। भारत को दूसरा कांस्य पदक रोहित कुमार और भगवान सिंह की जोड़ी को डबल स्कलस मुकाबले में मिला।

टेनिस

टेनिस में एक स्वर्ण पदक रोहन बोपन्ना और दिविज शरण ने पुरुष युगल मुकाबलों में जीता। पुरुष एकल में प्रांजेश गुन्नी स्वर्ण ने कांस्य और अंकिता रैणा ने महिला एकल में कांस्य पदक जीते। इस प्रकार भारत को टेनिस में एक स्वर्ण व दो कांस्य पदक मिले।

बैडमिंटन

भारतीय महिलाओं के लिए यह प्रतियोगिता अच्छी रही। भारत की दोनों प्रमुख खिलाडिय़ों पीवी सिंधू और सायना नेहवाल ने व्यक्तिगत मुकाबलों में एक-एक पदक जीता। सिंधू ने रजत और नेहवाल ने कांस्य पदक हासिल किया। यह पहला मौका है जब देश की दो महिलाओं ने इन खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीते। इससे पूर्व सैयद मोदी ने दिल्ली में 1982 में आयोजित खेलों में कांस्य पदक जीता था। इस तरह 36 साल बाद देश को बैडमिंटल के मुकाबलों में पदक मिले। भारत की दोनों महिला खिलाड़ी नेहवाल और सिंधू को चाईना ताई पे की विश्व की एक नंबर की खिलाड़ी ताय तेजू यिंग ने परास्त किया । उसने नेहवाल को 21-17, 21-14 से सेमीफाइनल में हराया और फिर फाइनल में सिंधू को 21-13, 21-16 से परास्त किया।

इन दो महिला खिलाडिय़ों के अलावा और कोई भी भारतीय खिलाड़ी कुछ खास नहीं कर पाया। खास तौर से किंदबी श्रीकांत और एचएस प्रणाय ने निराश किया। ये दोनों खिलाड़ी शुरूआती मुकाबले में ही हार गए। श्रीकांत को हांगकांग के वांगविंग की विंसेंट ने सीधे गेमों में 23-21,21-19 से पराजित किया जबकि प्रणाय को थाईलैंड के कंताफन वांगशेरोन ने तीन गेमो में 21-12, 15-21, 21-15 से परास्त किया। इनके अलावा अश्वनी पोनप्पा और एन सिदकी रेड्डी की जोड़ी महिला युगल में

क्वार्टर फाइनल में ही परास्त हो गई। इस प्रकार भारत को बैडमिंटन में एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल हुआ।

मुक्केबाजी

मुक्केबाजी में भारत के हाथ मात्र एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक लगा। देश को स्वर्ण पदक भी मुक्केबाजी मुकाबलों के अंतिम दिन मिला जब 49 किलोग्राम भार वर्ग में अंकित पंघाल ने ओलंपिक चैंपियन हसनबॉय दसमातोव को पराजित किया।

हालांकि देश को मुक्केबाजी में कुछ और पदकों की उम्मीद थी पर मंगोलिया, कज़ाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के मुक्केबाजों का मुकाबला करने के लिए हमारे मुक्केबाजों को अभी काफी मेहनत करनी पड़ेगी।

कबड्डी

भारत को सबसे ज़्यादा निराशा उसके अपने खेल कबड्डी में मिली। इस खेल में 1990 से भारत का दबदबा रहा है। भारतीय पुरुष टीम ने अभी कुछ ही महीने पहले कबड्डी मास्टर्स टूर्नामेंट में ईरान को 44-26 से परास्त किया था । इस बार मात खा गया। सेमीफाइनल में उसे ईरान ने 27-17 से पराजित कर बदला चुकाया। पर देखने की बात यह है कि कबड्डी मास्टर्स में उसने दोयम दर्जे की टीम उतारी थी जबकि जकार्ता में वह पूरी ताकत के साथ मौजूद था। इसके अलावा देश की अब तक की अजेय महिला टीम भी फाइनल में पराजित हो गई। उसे भी ईरान की महिलाओं ने 27-24 से पराजित किया।

स्क्वैश

भारतीय महिला स्क्वैश टीम फाइनल में हांगकांग से हार गई और उसे दूसरी बार एशियाई खेलों में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय पुरुषों की टीम को हांगकांग ने सेमीफाइनल में हराया और भारतीय पुरुषों कीे टीम कांस्य पदक ही हासिल कर पाई। महिला सिंगल्स में दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा ने कांस्य पदक जीते तो वहीं पुरुष सिंगल्स में सौरव घोषल ने भी कांस्य पदक जीता।

तीरंदाजी

तीरंदाजी में भारत ने दो रजत पदक जीते। भारत की तरफ से मुस्कान किरर, मधुमिता कुमारी और सुरेखा ज्योति ने कंपाउडं टीम इवेंट में रजत पदक जीता। वहीं पुरुष कंपाउडं टीम स्पर्धा में अभिषेक वर्मा, अमन सैनी और रजत चौहान ने मिलकर रजत पदक जीता। दोनों ही टीमों को फाइनल में कोरिया की टीम ने हराया।

कुराश

कुराश में भारत को एक रजत और एक कांस्य पदक मिला। भारत की पिंकी बलहारा ने महिलाओं के 52 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता वहीं इसी वर्ग में यलप्पा मालाप्रभा ने कांस्य पदक पर कब्जा किया।

टेबल टेनिस

इस खेल में भारत ने दो कांस्य पदक हासिल किए। भारत ने पुरुष टीम और मिक्स्ड डबल में कांस्य पदक जीते।

घुडसवारी

घुडसवारी में भारत को दो रजत पदक मिले। एकल इवेंट में फौद मिजऱ्ा ने रजत पदक पर कब्जा किया और टीम स्पर्धा में राकेश कुमार, आशीष मलिक, जितेंदर सिंह और फौद मिजऱ्ा ने मिलकर रजत पदक जीता।

वुशु

वुशु में भारत ने 4 कांस्य पदक हासिल किए। महिला 60 किलोग्राम वर्ग में रोशीबिना देवी और 56 किलोग्राम वर्ग में संतोष कुमार, 60 किलोग्राम में भानुप्रताप सिंह और 65 किलोग्राम वर्ग में नरेंद्र ग्रेवाल ने कांस्य पदक हासिल किए।

ब्रिज

इस खेल में भारत ने एक गोल्ड और दो कांस्य समेत तीन पदक जीते। भारत की ओर से पुरुष टीम और मिक्स्ड टीम ने कांस्य पदक जीते। तो वहीं पर पुरुष पेयर टीम ने स्वर्ण पदक जीता।

सेलिंग

भारत ने इस खेल में तीन पदक हासिल किए एक रजत और दो कांस्य। वरूण ठक्कर अशोक और चेनगप्पा गणपति केलापंडा ने पुरुष स्पर्धा में कांस्य अपने नाम किया। 20 साल की वर्षा और 27 साल की श्वेता ने महिला स्पर्धा में 15 रेस के बाद 40 अंक बटोर कर भारत को कांस्य पदक दिलवाया। इसके अलावा 15 साल की हर्षिता तोमर ने ओपन लेसर 4.7 इवेंट में कुल 62 अंक हासिल करके कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।

स्वर्ण पदक जीतने वाल सबसे उम्रदराज खिलाड़ी

भारत के प्रणव वर्धन इंडोनेशिया में सम्पन्न हुए 18 वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हंै। 60 वर्ष के वर्धन ने ‘ब्रिज’ की पुरुषों की युगल स्पर्धा में अपने 56 वर्षीय जोड़ीदार शिवनाथ सरकार के साथ मिलकर फाइनल में चीन को पछाड़ते हुए 384 अंक हासिल कर स्वर्ण पदक जीता। ये दोनों खिलाड़ी पिछले 20 साल से एक दूजे का जोड़ीदार बन ‘ब्रिज’ खेल रहे हैं। यह पहला मौका है कि जब ब्रिज को एशियाई खेलों में शामिल किया गया है। इस प्रतियोगिता का रजत पदक चीन ने 378 अंकों के साथ जीता।