दुर्दांत आतंकवादी लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन के जिंदा होने के दावे को श्रीलंका की सरकार ने मजाक बताते हुए खारिज कर दिया है। सुरक्षाबलों के हाथों प्रभाकरन की मौत की घोषणा के 14 साल बाद सोमवार को ही तमिल नेता पाझा नेदुमारन ने प्रभाकरन के जिंदा और स्वस्थ होने का अलावा यह भी दावा किया था कि उनके सामने आने के लिए अब सही समय है’।
हालांकि, पाझा के दावे को मजाक बताते हुए श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसे सिरे से खारिज कर दिया। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल नलिन हेराथ ने प्रभाकरन के 2009 में मारे जाने का दावा यह कहते हुए किया कि प्रभाकरन का मैच हुआ डीएनए इसका सबूत है। हेराथ ने कहा – ‘पुष्टि हो चुकी है कि वह (प्रभाकरन) 19 मई, 2009 को मारा गया था। डीएनए ने इसे साबित कर दिया था।’
याद रहे श्रीलंका की सेना के प्रभाकरन के मारे जाने की सही तारीख स्पष्ट नहीं है, हालांकि, सुरक्षा बलों के हाथों उसकी मौत होने की घोषणा 19 मई, 2009 को की गई थी। उधर एलटीटीई नेता नेदुमारन ने मीडिया के लोगों से बातचीत में कहा – ‘श्रीलंका में सिंहली लोगों की तरफ से राजपक्षे परिवार का उग्र विरोध और अंतरराष्ट्रीय स्थिति ने ईलम तमिलों के नेता प्रभाकरन के सामने आने का बेहतर माहौल बनाया है।’
वैसे नेदुमारन के दावे को एमडीएमके महासचिव वाइको सहित तमिल राष्ट्रवादी नेताओं का समर्थन नहीं मिल पाया है। बता दें तमिल राष्ट्रवाद की विचारधारा का समर्थन करने वाले तमिलनाडु के नेताओं ने हाल के सालों में कई बार प्रभाकरन के जिंदा होने का दावा किया है। एमडीएमके प्रमुख वाइको ने भी कुछ वर्ष पहले कहा था कि प्रभाकरन जीवित है। जानकार इसे श्रीलंका में तमिलों की उम्मीदों को जीवित रखने के प्रयास के रूप में देखते हैं।