नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि एयर इंडिया का “100 प्रतिशत विनिवेश” होगा और उसे “नया ठिकाना ढूंढना होगा.” उन्होंने कहा कि भावी खरीदारों को अपनी बोली लगाने के लिए 64 दिन का समय दिया गया है।
उनहोने यह भी कहा कि “हमने फैसला किया है कि एयर इंडिया में 100 प्रतिशत विनिवेश होगा। यह विकल्प विनिवेश और गैर-विनिवेश के बीच नहीं है। यह विनिवेश और बंद होने के बीच है। एयर इंडिया पर्स्ट क्लास रेटेड संपत्ति है, लेकिन उस पर ₹ 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। हमें उसे साफ-सुथरा करना है।” उन्होंने कहा, “उसे नया ठिकाना ढूंढना ही होगा।”
हरदीप सिंह पुरी ने बताया ‘‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है या तो हमें इसका निजीकरण करना होगा या इसे बंद करना होगा। एयर इंडिया अब पैसा बना रही है, लेकिन हमें अभी भी प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। कुप्रबंधन की वजह से एयर इंडिया का कुल कर्ज 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है.”
गौरतलब है कि एयर इंडिया सरकार की अकेले की मिल्कियत है। वह इसमें अपनी 100 की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खरीदार तलाशने में लगी है। 2007 में इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय कर दिया गया था, जो उस समय लाभ में चल रही थी, उसके बाद यह घाटे में डूबती गयी।