दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को लेकर दिल्ली की सियासत में हलचल तेज हो गयी है। दिल्ली में भले ही आप पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला होने के संभावना है। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी भी दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी और खोये हुये जनाधार को वापस लाने का प्रयास करेगी।
बताते चलें, दिल्ली में आप पार्टी की जनविरोधी नीतियों के विरोध में भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी भी जमकर विरोध –प्रदर्शन कर रही है। दिल्ली की सियासत के जानकार कृष्ण देव का कहना है कि दिल्ली के लोगों का अपना नजरिया और मिजाज है। जो चुनाव के समय ही निर्णय करता है कि कौन पार्टी ने विकास किया है और कौन सही मायने में कर सकती है। लेकिन साथ ही इस बात पर गौर करती है। कि मौजूदा सरकार किस हद तक जनता के साथ है।
दिल्ली एमसीडी में भाजपा काबिज है। तो दिल्ली सरकार में आप पार्टी की सरकार है। ऐसे में दिल्ली की सियासत का जो तालमेल है । उस पर अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इतना जरूर है। इस बार अगर कांग्रेस अपने खोये हुये जनाधार को पाने के लिये प्रयास करती है। तो निश्चित ही चुनाव परिणाम चौंकाने वाले साबित होगे।
जानकारों का कहना है कि, दिल्ली की सियासत में बदलाव आता रहा है। क्योंकि दिल्ली सरकार में आप पार्टी की आबकारी नीतियों का राजनीति दल ही विरोध नहीं कर रहे है। बल्कि जनता भी विरोध कर रही है। जगह –जगह धरना प्रदर्शन हो रहे है। मौजूदा समय में जिस तरह से दिल्ली में सियासत हो रही है। उससे बड़े बदलाव की राजनीतिक उम्मीद की जा रही है।