उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गदगद है। तो वहीं आप पार्टी के नेता पंजाब में मिली जीत से गदगद है। इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने दिल्ली में जश्न मनाया और बताया कि अब दिल्ली के अगामी एमसीडी चुनाव में उनकी जीत पक्की है।
दिल्ली में पंजाबी वोटरों और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद है। इस लिहाज से दोनों दलों के नेता अपने-अपने पक्ष में राजनीतिक समीकरण साधने में लगे है। दोनों राज्यों में कांग्रेस का कोई जनाधार ही नहीं नहीं दिखा। जिससे कांग्रेस हासिये पर अब दिखने लगी है।
चुनाव परिणाम के पहले कांग्रेस के हौंसले दिल्ली एमसीडी के चुनाव को लेकर बुलंद थे। कांग्रेस को उम्मीद थी। उनकी पंजाब में तो सरकार बनेगी ही। और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। लेकिन ऐसा कुछ कांग्रेस नहीं कर सकी जिससे कांग्रेस के नेताओ का मनोबल बढ़ सकें।
जानकरों का कहना है कि सियासत में एक जीत से दूसरे का ताल्लुक कभी-कभार मेल नहीं खाता है। इसलिये एमसीडी चुनाव को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कि कांग्रेस का एमसीडी के चुनाव में खराब प्रदर्शन हो सकता है।
दिल्ली एमसीडी के चुनाव की तारीख फिलहल टाली जा चुकी है। संभवता चुनाव अप्रैल माह के अंत मे हो सकते है। या फिर मई के महीनें में हो सकते है। चुनाव जरूर गर्मी होगे। लेकिन दिल्ली की सियासत में अभी से गर्मी का तापमान दिखने लगा है। दिल्ली की राजनीति के जानकार पवन कुमार का कहना है कि फिलहाल जिस तरह का माहौल दिख रहा उस लिहाज से भाजपा और आप पार्टी के बीच ही चुनाव हो सकता है। क्योंकि दोनों दलों के नेताओं में चुनावी महक कुछ ज्यादा आ रही है।