एग्जिट पोल में ”जबरदस्त सफलता” से उत्साहित भाजपा ने अब राज्यों में कांग्रेस सरकारों की ”उलट-पलट” पर नजर टिका दी है। भाजपा ने सोमवार को मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजकर कहा है कि ”प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है लिहाजा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए”। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो यह तक दावा कर दिया है कि ”भाजपा के पास बहुमत की सीटें हैं”।
इसके अलावा सोमवार को ही मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता गोपाल भार्गव ने कहा – यह (मध्य प्रदेश सरकार) खुद ही गिर जाएगी। मैं खरीद-फरोख्त में विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है, समय आ गया है और जल्द ही उन्हें जाना होगा।” उनके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश में २९ में से २२ सीटों पर कांग्रेस की जीत के दावे पर कहा – ”फिलहाल तो लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बने रहने पर भी प्रश्न चिह्न लगा हुआ है।”
इन बयानों से साफ़ जाहिर है कि भाजपा पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव में मिली हार को अभी तक पचा नहीं पाई है और अब पिछले दरवाजे से इन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें गिराने की तैयारी कर रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय ने रविवार को इंदौर में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा भी किया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर ट्ववीट करके प्रतिक्रिया जताते हुए कहा – ”कमलनाथ पूरे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री रहेंगे। कमलनाथ पांच वर्ष ही नहीं, कांग्रेस की सरकार राज्य में अगले १५ वर्ष तक कमलनाथ के नेतृत्व में रहेगी।” उन्होंने विजयवर्गीय से कहा – ”वे अपनी चिंता करें, क्योंकि आगामी २३ मई के परिणाम के बाद उनका (विजयवर्गीय) पश्चिम बंगाल के प्रभारी का पद जरूर खतरे में आ जाएगा। दीदी (ममता बनर्जी) ने धज्जियां बिखेर दी हैं।”
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी
पार्टी नेताओं का दावा, कमलनाथ सरकार अल्पमत में