आखिर लम्बे इन्तजार के बाद पेंशन धारकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव की केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। गुरूवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपना योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का १४ प्रतिशत कर दिया है। अभी सरकार की तरफ से इसकी औपचारिक घोषणा इसलिए नहीं की है क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण आचार सहिंता लागू है।
अभी तक सरकार का एनपीएस में योगदान मूल वेतन का १० प्रतिशत है। वैसे कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान १० प्रतिशत ही रहेगा। जानकारी के मुताबिक सरकार ने चुनाव के चलते इसका ऐलान नहीं किया है। नेशनल पेंशन स्कीम में पुरानी सुविधाएं शामिल कर ली गई हैं।
सरकार ने केंद्र और राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए तोहफा दिया है।
सरकार ने गुरुवार को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपना योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का १४ प्रतिशत कर दिया जो फिलहाल १० प्रतिशत है। मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के १० प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा ८० सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी. फिलहाल सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में १०-१० प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय कुल जमा रकम में से ६० प्रतिशत निकालने मंजूरी दी गई जो फिलहाल ४० प्रतिशत है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक अगर कर्मचारी रिटायरमेंट के समय एनपीएस में जमा रकम का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और १०० प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसकी पेंशन अाखिरी बार मिलने वाले वेतन का ५० प्रतिशत से ज्यादा होगी। सरकार को अभी नई योजना की अधिसूचना की तारीख के बारे में निर्णय करना है।