गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में गुरूवार को एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि एनपीआर में कोइ दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो जानकारी आपके पास नहीं, वह देने की जरूरत नहीं होगी और किसी तरह का ”डी” कॉलम भी फॉर्म में नहीं होगा।
राज्य सभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि देश में किसी को एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और गुलाम नबी आज़ाद ने एनपीआर को लेकर सवाल उठाये।
कपिल सिब्बल ने एनपीआर/एनआरसी की जानकारी लेने के दौरान फॉर्म में ”डी” अर्थात डाउटफुल का कॉलम होने को लेकर आशंका जताई। उनका कहना था कि जानकारी देने वाला यदि कोइ दस्तावेज नहीं देता है तो उसके फ़ार्म में ”डी” मार्क किया जा सकता है, जिससे अंतता उसके लिए अपनी नागरिकता प्रमाणित करने की लड़ाई मुश्किल हो जाएगी।
हालांकि, गृह मंत्री ने इन सवालों पर कहा कि वे गृह मंत्री के नाते राज्य सभा के पटल पर यह ऑन रेकॉर्ड कह रहे हैं कि एनपीआर में किसी तरह का दस्तावेज जरूरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एनपीआर के लिए किसी के पास कोइ दस्तावेज नहीं होगा, तो नहीं माँगा जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश में किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। दस्तावेज नहीं है तो किसी के फॉर्म में ”डी” नहीं लिखा जाएगा। इस तरह गृह मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है। विपक्ष का आरोप रहा है कि फॉर्म में कुछ ऐसे कालम हो सकते हैं जो बाद में एक ”डी” के कारण व्यक्ति को बहुत परेशानी में दाल सकते हैं।
शाह ने इस मौके पर राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को किसी भी समय बातचीत के लिए आमंत्रित किया और कहा कि कुछ अन्य सदस्यों को भी अपने साथ ला सकते हैं।