पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने बुधवार को पूर्व शिरोमणि अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया को उनके खिलाफ दिसंबर 2021 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में जमानत दे दी है। हालांकि इसमें क्या शर्तें लगाई गई हैं, इस पर अभी विस्तृत ऑर्डर का इंतजार है।
फिलहाल मजीठिया पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं और उनके वकील का कहना है कि मजीठिया आज शाम ही जेल से बाहर आ जाएंगे। उसने 24 फरवरी को मोहाली कोर्ट में सरेंडर किया था। और मोहाली जिला अदालत द्वारा उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज करने के बाद उसने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने 11 मई को याचिका पर विचार करने इनकार कर दिया साथ ही उन्हें इसके बजाय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा।
मजीठिया की रेगुलर बेल पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने पहले जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस संदीप मौदगिल की बेंच बनाई थी। किंतु इनमें से जस्टिस मसीह के सुनवाई से इनकार करने के बाद इसमें जस्टिस राव और जस्टिस अनूप चितकारा की बेंच को केस भेजा गया था। किंतु जस्टिस अनूप चितकारा के भी सुनवाई से इनकार करने के बाद से अब इसमें जस्टिस रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की बेंच सुनवाई कर जमानत दे दी है।
आपको बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने मजीठिया पर केस दर्ज किया गया था। केस में कहा गया था कि कनाडा के रहने वाले ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता मजीठिया की अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरते रहे है। मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से फंड लेते रहे, सात ही दबाव डालकर नशा दिलाते रहे।