राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बुधवार को मारे गए छापों में गिरफ्तार किये गए १० लोगों को दिल्ली की एक अदालत ने १२ दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है। इन पर राजनीतिक हस्तियों और दिल्ली में सरकारी प्रतिष्ठानों सहित उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में हमले की साजिश रचने का आरोप है। इन लोगों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार जिनमें रॉकेट लांचर भी शामिल है, आरोपियों से बरामद होने का दावा एनआईए ने किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक के मुताबिक इन आरोपियों को कड़ी सुरक्षा और चेहरों पर कपड़ा डालकर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया।
एनआईए ने गिरफ्तार किए सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए १५ दिन की हिरासत में दिए जाने का अनुरोध किया था।
मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत, अनास युनूस, राशिद जफर रक उर्फ जफर, सईद उर्फ सैयद, सईद का भाई रईस अहमद, जुबैर मलिक, जुबैर का भाई जैद, साकिब इफ्तेकार, मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद आजम शामिल हैं।
उधर आरोपियों के वकील मएस ख़ान ने कहा कि एनआईए ने जो प्रेस कांफ्रेंस में कहा था वैसा कुछ भी कोर्ट में नहीं कहा। ”किसका क्या रोल था वो भी नहीं बताया”। एनआईए ने कहा है कि आईएसआईएस के तर्ज़ पर यह लोग षड्यंत्र कर रहे थे।