पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं के खिलाफ राज्य में छापेमारी और 100 से अधिक शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बंद के आह्वान पर संज्ञान लेते हुए केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य में बिना अनुमति के कोई भी बंद या हड़ताल का आह्वान नहीं कर सकता।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे अपने आदेश के खिलाफ उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगा। और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अस्वीकार्य है। साथ ही हाईकोर्ट ने 7 जनवरी 2019 के आदेश में कहा था कि कोई भी 7 दिनों पहले दी गई सूचना के बिना राज्य में बंद का आह्वान नहीं कर सकता।
आपको बता दें, पीएफआई देशभर में अपने कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और ईडी के छापे और गिरफ्तारियों के विरोध में केरल में बंद बुलाया है साथ ही इस दौरान कई जगहों पर हिंसा की भी खबरें सामने आर्इ हैं।
एसएफआई कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कोच्चि में राज्य परिवहन की बस पर कुछ लोगों ने हमला कर तोड़फोड़ की हैं।