जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनलल कॉन्फ्रेंस के नेता करीब 7 महीने की हिरासत के बाद रिहा कर दिए गए। 5 अगस्त 2019 से ही उमर अब्दुल्ला हिरासत में थे और बाद में उन पर पीएसए लगाकर हिरासत में रखा रहा। इसे पहले फ़ारूक़ अब्दुल्ला को भी रिहा कर दिया गया है। अब बड़े नेताओं में महबूबा मुफ़्ती हिरासत में हैं।
अपनी रिहाई के बाद बाहर आते ही उमर अब्दुल्ला ने कोरोना को लेकर बात की। उन्होंने कहा – ”हमें कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए।” उमर ने कहा – ”मुझे अभी पता चला कि हम लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।”
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने मांग की कि उन लोगों को भी तुरंत रिहा किया जाये जो जेल में हैं। उमर ने कहा – ”जो भी लोग हिरासत में लिए गए हैं इस वक्त उन्हें छोड़ा जाना चाहिए।” पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को ५ अगस्त, २०१९ से ही हिरासत में ले लिया गया था और बाद में फरवरी में उनपर पीएसए लगा दिया गया था।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया था और राज्य को लद्दाख और कश्मीर के रूप मेंं दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था। तभी से करीब 400 नेताओं को नज़रबंद या हिरासत में रखा था।
उमर की रिहाई ऐसे वक्त में हुई है, जब कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि या तो उन्हें जल्द रिहा करें या फिर कोर्ट अब्दुल्ला की बहन सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई करेगा।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को हिरासत में रखे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करेंगे। अब महबूबा मुफ़्ती के भी जल्द रिहा होने की उम्मीद है।