दिल्ली की राजेन्द्र नगर विधानसभा में हुये उपचुनाव और उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा चुनाव रामपुर और आजमगढ़ में हुये 23 जून के चुनाव परिणाम 26 जनवरी को घोषित किये जायेगे। इन उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर लगी है। भाजपा की इन सीटों पर जीत से ये निश्चित तौर पर कहा जायेगा कि भाजपा की लोकप्रियता में इजाफा हो रहा। अगर भाजपा हारती है तो भाजपा के लिये सकारात्मक मैसेज नहीं होगा।
बताते चलें राजेन्द्र नगर सीट पर आप पार्टी का कब्जा रहा है। ये सीट राघव चड्डा के राज्य सभा में जाने से ये सीट खाली हुई है। आप पार्टी ने दुर्गेश पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां के लोगों का कहना है कि आप पार्टी की लोकप्रियता पर खासा असर पड़ने वाला नहीं है। वहीं भाजपा ने राजेश भाटिया को चुनाव मैदान में उतार कर एड़ी चोटी का जोर लगाया है ताकि भाजपा को जीत हासिल हो सकें। लेकिन उत्तर प्रदेश में हालत अलग है। क्योंकि रामपुर और आजमगढ़ में सपा के दोनों सांसदों ने मोदी लहर में भी चुनाव जीता था।इस लिहाज से भाजपा ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव जीताने के लिये कड़ी मेहनत की है।
उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं का कहना है कि अगर इन दोनों सीटों पर भाजपा चुनाव जीतती है और सपा को हराती है। तो निश्चित तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की लोकप्रियता में इजाफा माना जायेगा।वैसे प्रदेश की जनता का मानना है कि प्रदेश विधानसभा के चुनाव अलग होते है। उस हिसाब से चुनाव में जनता वोट देती है। लेकिन लोकसभा के चुनाव अलग होते है। उसमें केन्द्र की राजनीति के मुताबिक वोट देते है। फिलहाल 26 जून के चुनाव परिणाम सामने आने से ही प्रदेश की राजनीति और सूबे के नेताओं की लोकप्रियता का मालूम पड़ेगा।