उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता, जिसे जला दिया गया था, की हालत नाजुक बनी हुई है। उसकी हालत बिगड़ती देख उसे दिल्ली में वेंटिलेटर पर रखा गया है। पीड़िता को गुरूवार को एयरलिफ्ट करके दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता ९० फीसदी के करीब जल चुकी है। उसने गुरवार को इस घटना के बाद सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट को बयान दिया था। इसमें पीड़िता ने बताया था कि वह गुरुवार सुबह चार बजे रायबरेली जाने के लिए बैसवारा स्टेशन जा रही थी। गौर गांव के मोड़ के पास पहले से मौजूद आरोपियों ने उसे कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीटने के बाद चाकू के वार भी किए और बाद में पेट्रोल डाल कर आग लगा दी।
इधर सफदरजंग अस्पताल के डाक्टरों को भय है कि कहीं संक्रमण उसके पूरे शरीर में न फ़ैल जाए। अगर ऐसा होता है तो उसे नियंत्रित करना कठिन हो जाएगा। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि उनकी प्राथमिकता पीड़िता की जान बचाने की है जिसकी हालत इस समय बहुत ज्यादा नाजुक है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता के अंदरूनी दो अंग डैमेज हो चुके हैं जिससे उसकी हालत ज्यादा खराब हुई है। रिपोर्ट्स में डाक्टरों के हवाले से बताया गया है कि बर्न केस में ज्यादातर मरीज की मौत संक्रमण फैलने के चलते ही होती है। उन्नाव रेप पीड़िता ९० फीसदी से ज्यादा झुलस चुकी है।
पीड़िता ने इस मामले में जिन कथित आरोपियों के नाम लिए हैं वे हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेई, शिवम और शुभम त्रिवेदी हैं और पुलिस ने इस घटना में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें दो लोग पीड़िता से गैंगरेप के भी आरोपी हैं और अभी जमानत पर हैं। याद रहे आरोप के मुताबिक लड़की से पिछले साल दिसंबर में रेप किया गया था।