उन्नाव रेप पीड़िता के एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के मामले पर मंगलवार को लोक सभा में हंगामा हुआ। विपक्षी कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और गृह मंत्री अमित शाह के ब्यान की मांग की। कांग्रेस ने नारेबाजी भी की और बाद में वाकआउट किया। रेप के इस मामले में जिन भाजपा के विधायक पर मामला चल रहा है उनके खिलाफ अभी भी भाजपा के कोइ कार्रवाई न करने पर कांग्रेस और विपक्ष सवाल उठा रहे हैं।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके वकील के सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने और दो नजदीकी रिश्तेदारों की मौत का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठाया। कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। बाद में कांग्रेस ने सदन से इस मसले पर वाकआउट किया।
उधर सरकार ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच का ऐलान किया गया है। उसका दावा है कि सरकार निष्पक्ष ढंग से कार्रवाई कर रही है, लेकिन विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है।
इस बीच रेप पीड़िता के चाचा ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि जेल में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेट के अंदर से फोन करके पीड़ित परिवार को धमकियां देता रहा है। आरोप के मुताबिक भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर धमकी भरे फोन कर कहता है कि अगर जिंदा रहना चाहते हो तो अदालत में बयान बदल दो। शिकायत के मुताबिक सेंगर के लोगों ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने मामले में समझौता न किया तो सभी को जान से मार दिया जाएगा।
इस मसले पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्नाव का मामला उठाते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है और अब पीड़िता गंभीर रूप से घायल है और उसके परिवार के कुछ सदस्यों की मौत हो गई है। उन्होंने मांग की कि पीड़िता को पूरी सुरक्षा दी जाए और अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। साथ ही मांग की कि गृह मंत्री को सदन में आकर इस पर बयान देना चाहिए।
उनकी मांग पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष इस मामले पर राजनीति कर रहा है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने घटना के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया है और वह निष्पक्ष ढंग से काम कर रही है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने आरोप लगाया कि जिस ट्रक से हादसा हुआ है वो समाजवादी पार्टी के एक नेता का है, लेकिन कांग्रेस राजनीतिक फायदे के लिए राजनीति कर रही है।
विपक्षी सदस्यों ने ”उन्नाव की बेटी को इंसाफ दो”, ”गृह मंत्री जवाब दो” और ”बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का क्या हुआ” जैसे नारे लगाए। बाद में तृणमूल कांग्रेस, बसपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने इस मामले पर सदन से वाकआउट किया।