उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक बड़े झटके में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्नाव रेप मामले और कुछ रोज पहले पीड़िता की कार के हादसे से जुड़े सभी पांच मामले दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं। पीड़िता को २५ लाख का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है साथ ही यूपी पुलिस की जगह इस मामले से जुड़े तमाम लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का आदेश गुरूवार को दिया है।
सर्वोच्च अदालत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि इस मामले को देखकर लगता है कि देश में यह कैसी अराजकता है। आज अदालत ने कहा है कि इस मामले की डे-टू-डे हियरिंग होगी। साथ ही कोर्ट ने ४५ दिन में ट्रायल पूरा करने का दिया आदेश दिया है। ट्रक एक्सीडेंट मामले की जांच दो हफ्ते में पूरा करने का सीबीआई को आदेश दिया है। एक बड़े फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को २५ लाख का मुवावजा देने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और गवाहों को सुरक्षा देने का भी आदेश दिया है और तत्काल प्रभाव से उन्हें सीआरपीएफ पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने को कहा है। आज एसजी ने पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट को दी।
सुप्रीम कोर्ट को केजीएमसी हॉस्पिटल ने बताया कि पीड़िता को एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसे लेकर फैसला उसके परिवार पर छोड़ा गया है। यदि वे हाँ कहते हैं तो पीड़िता और उनकी वकील को एयर लिफ्ट किया सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़िता परिवार चाहे तो हम एयर लिफ्ट करने का आदेश दे सकते हैं। कल इसपर फैसला सामने आ सकता है।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को भी रायबरेली से तिहाड़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया दिया है। कल भी इस मामले पर सुनवाई होगी जिसमें कोर्ट की तरफ से और आदेश आ सकते हैं।