उतर प्रदेश के उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता, जिसकी जलाने के बाद शनिवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी थी, का रविवार को उसके गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी के आने पर ही अंतिम संस्कार की जिद्द की, हालांकि, अधिकारियों के मनाने और परिवार के लिए कुछ घोषणाएं करने के बाद परिजन पीड़िता के शव के अंतिम संस्कार को मान गए और उसे दफनाया गया।
सरकार के तरफ से साथ ही सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने का भरोसा दिया है। इसके अलावा आवास आवास योजना फंड से पीड़िता के परिवार के लिए २५ लाख का मुआवजा देने का भरोसा दिलाया गया है।
इसके अलावा जान गंवाने वाली लड़की की बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी और परिवार की मांग पर सस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा। साथ ही आवास योजना के तहत परिवार को मकान दिया जाएगा और मौजूदा कच्चे मकान को पक्का किया जाएगा। लड़की की बहन को पुलिस सुरक्षा दी जाएगी और घर पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मंत्री कमलरानी वरुण दुष्कर्म पीड़िता के अंतिम संस्कार में पहुंचीं। पीड़िता के गाँव में उसके साथ हुए अत्याचार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। सुबह पीड़िता के परिवार ने मांग की थी कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के मनाने पर परिवार ने अंतिम संस्कार के लिए हामी भरी। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया गया, जिसके बाद परिवार पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर पीड़िता का शव दफनाया गया।
गाँव में सुबह ही लोगों की भीड़ लड़की के हर के बाहर जमा होने लगी थी। शनिवार की रात पीड़िता का शव घर पर पहुंचा तो कोहराम मच गया। पूरी रात घरवाले जागते रहे। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को रात को ही अंतिम संस्कार करने का आग्रह किया। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद समेत तमाम प्रशासनिक अमला बिहार थाने में रात को डटा रहा, लेकिन पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुआ।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने गाँव पहुँची थीं। उन्होंने परिवार को ढाढ़स बंधाया। इस मौके पर प्रियंका ने कहा था कि अब महिलाओं को सत्ता संभालनी होगी तभी उन्हें न्याय मिल सकेगा।