महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। सदन के भीतर हेडकॉउंट में सरकार के पक्ष में १६९ विधायक गिने गए। भाजपा ने हेडकॉउंट से ऐन पहले सदन से वाकआउट किया। बाहर आकर पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह प्रक्रिया असंवैधानिक है और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद सँभालने के बाद उद्धव ठाकरे पहली बार विधानसभा पहुंचे। पहले कभी वे सदन के सदस्य नहीं रहे थे। विधानसभा में प्रवेश करने से पहले उद्धव ने शिवाजी की मूर्ति को माला पहनाई और आशीर्वाद लिया। शिवसेना ने दावा किया था कि उसके पास निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के सदस्यों के साथ करीब १७० विधायकों का समर्थन है।
नवाब मलिक और अशोक चव्हाण ने विश्वास प्रस्ताव रखा। पहले अशोक चव्हाण ने विश्वास प्रस्ताव पढ़ा। विश्वास मत पेश करने की कार्यवाही शुरूप्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि खुला मतदान हो और उसमें लिखा गया है कि प्रोटेम स्पीकर यह कार्यवाही करवाएं। इसलिए मैं आगे की कार्यवाही बढ़ा रहा हूं। फ्लोर टेस्ट बैलेट से नहीं होगा, यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट भी होगा। अब मैं विश्वास मत पेश करने की कार्यवाही शुरू करता हूं।
विश्वास मत से पहले ही भाजपा ने सदन से वाकआउट किया। बाहर आकर भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह प्रक्रिया असंवैधानिक है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है। बाहर आकर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी भी की। उनका आरोप था कि यह सब गलत तरीके से हो रहा है।
इससे पहले सदन में फडणवीस ने कुछ मुद्दे उठाए। कहा जिनका संबंध राज्यपाल का है इसलिए मैं उस पर कुछ नहीं कहना चाहता। फडणवीस ने अपनी सरकार का उदाहरण दिया जब २०१४ में हमारी सरकार चुनी गई थी तो पहले हमने स्पीकर चुना था उसके बाद ही विश्वास प्रस्ताव लाया था।
फडणवीस ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर क्यों बदला गया जब तक नए स्पीकर की नियुक्ति नहीं होती तब तक प्रोटेम स्पीकर का रहना जरूरी है। प्रोटेम स्पीकर को क्यों बदला गया। अगर यह वही अधिवेशन चल रहा है तो प्रोटेम स्पीकर क्यों बदला गया। यह गलत है। यह देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ।